मथुरा में एक साइको किलर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने वर्ष 2004 में अपने दो छोटे भाइयों की हत्या की। पिता ने तीसरा बेटा खोने के डर से मुकदमा दर्ज नहीं कराया। 2014 में उसने पिता का भी कत्ल कर दिया और जेल चला गया। नौ साल बाद जब जेल से लौटकर आया तो पत्नी को मार डाला। उसकी प्लानिंग बच्चों को भी ठिकाने लगाने की थी।
मथुरा के कोसीकलां के गांव हताना के महेश द्वारा अपनी पत्नी मछला की हत्या करने के बाद अगला प्लान बच्चों की हत्या का था। उसके तीन बच्चे एक दस साल की बेटी, 12 व 14 साल के दो बेटे हैं। बच्चों ने पुलिस को बताया कि मां के लापता होने के बाद पिता दो से तीन बार घर आया। जब भी उससे मां के विषय में पूछा, उसने कहा कि उसकी हत्या कर दी है। अब तुम्हें भी जान से मार दूंगा। वे डर के कारण किसी के आगे इस बात को बता नहीं रहे थे।
पुलिस की जांच में सामने आया कि महेश ने 2004 में अपने भाई एक साल और दूसरा 16 साल की हत्या कर शवों को छुपा दिया था। करीब एक सप्ताह बाद शव बरामद हुए थे। कहासुनी में भाईयों को मौत के घाट उतारा था। महेश के पिता बाबूलाल को इस हत्याकांड का पता चल गया था। मगर, उन्होंने दो बेटों के बाद महेश को भी खो देने के डर से उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया था। इसके बाद महेश की शादी मछला से हो गई। मछला को तीन बच्चे, एक बेटी, दो बेटे हुए। 2014 में महेश ने अपने पिता बाबूलाल को भी घरेलू विवाद में मौत के घाट उतार दिया था। उस प्रकरण में पुलिस ने उसे मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था। 6 माह पहले वह जेल से बाहर आया था।
मेला दिखाने और जमीन खरीदने के बहाने ले जाकर की हत्या
इंस्पेक्टर अनुज कुमार ने बताया कि महेश ने पूछताछ में बताया है कि उसने अपनी पत्नी को मारने का प्लान काफी पहले बना लिया था। प्लान के तहत ही पत्नी को छठ मेला दिखाने के बहाने पलवल ले गया था। वहां एक रात रुकने के बाद योजना अनुसार पत्नी को आगरा कैनाल के किनारे जमीन खरीदने के बहाने ले गया था। दरअसल, पिता की मौत के बाद कई जमीनों को भी बेच दिया था। पत्नी इससे नाराज थी। पत्नी को जमीन खरीदने की बात पर आसानी से यकीन हो गया था।
पुलिस को गुमराह कर छूटने की कोशिश में अंत तक लगा रहा
महेश ने पुलिस को चकमा देने की भी खूब कोशिश की। उसने पुलिस को बताया कि पत्नी की तीन हिस्सों में काटकर हत्या कर शव नहर में फेंका है। पुलिस इस बात पर यकीन मानते हुए नहर पर महेश को लेकर पहुंची। काफी समय तक उसने पुलिस को यहां से वहां घुमाया। इसके बाद पुलिस खुद ही कटे हुए शव की तलाश में जुटी रही। तभी पुलिस को झाड़ियों में छिपा हुआ शव मिला। उसे देख महेश के होश उड़ गए। इधर, पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए सबसे बेटी को बुलाया। बेटी ने मां के कपड़ों, कंगन के आधार पर शिनाख्त की। इसके बाद महेश टूट गया और कहा कि उसका प्लान था कि पुलिस को गुमराह किया जाए, जिससे की शव बरामद न हो। अगर, शव बरामद नहीं होता तो उस पर कोर्ट में हत्या भी सिद्ध नहीं होती। पुलिस उसकी बातों को सुनकर हैरान रह गई।
कई दिन चलाया पत्नी का फोन
हत्या करने के बाद महेश खुद गायब हो गया। साथ ही उसने अपना फोन बंद कर दिया। इस दौरान पत्नी के फोन का इस्तेमाल किया, जिससे की अगर पुलिस तक मामला पहुंचे तो पुलिस को लगे कि मछला जिंदा है और किसी के साथ चली गई है।
मां का शव देख सहमे बच्चे
पुलिस द्वारा बरामद मछला के शव को देख बच्चे सहम गए। उन्होंने रोते हुए कहा कि पिता उनकी भी हत्या कर देता। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव मायके वालों को सौंपा। साथ ही बच्चों को भी उनके ननिहाल वाले अपने साथ ले गए।
गिरफ्तारी करने वाली टीम
इंस्पेक्टर अनुज कुमार, एसआई अवनीश त्यागी, प्रवीन तेवतिया, हेड कांस्टेबल सुमित कुमार, मधुवेंद्र सिंह, कांस्टेबल अजय कुमार शामिल रहे।
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