बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने बताया कि अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल 12 नवंबर को मिलेगा। धर्मशास्त्रोक्त नियमानुसार दीपावली प्रदोष काल और महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में होती है।
सुख, सौभाग्य और समृद्धि का महापर्व दीपावली आज धूमधाम से मनाई जाएगी। घरों से लेकर मंदिर और दुकानों में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होगी। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं को अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल में 2.36 घंटे का स्थिर लग्न में शुभ मुहूर्त मिलेगा। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए तीन और स्थिर लग्न प्राप्त हो रहे हैं।
बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने बताया कि अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल 12 नवंबर को मिलेगा। धर्मशास्त्रोक्त नियमानुसार दीपावली प्रदोष काल और महानिशीथ काल व्यापिनी अमावस्या में होती है। स्थिर लग्न में पूजा करना लाभप्रद होता है। पूजा व खाता पूजन स्थिर लग्न में सुबह 6:41 बजे से लेकर 8:58 बजे तक वृश्चिक लग्न में होगा।
दीपावली के दिन मुहूर्त
प्रदोष काल शाम 05:11 से 06:23 बजे तक रहेगा।
पूजन व खाता पूजन (स्थिर लग्न) सुबह 6:41 बजे से लेकर 8:58 तक वृश्चिक लग्न
दिन 12:51 से 02:22 तक कुंभ लग्न
शाम 5:27 से 7:23 तक वृष लग्न
रात्रि 11:55 से 2:09 तक सिंह लग्न
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