आज़मगढ़आजमगढ़उत्तर प्रदेशखेलटेक्नोलॉजीदेशमनोरंजनराजनीतिविदेशस्वास्थ

25 दिसंबर से 26 जनवरी तक आयोजित होगा संस्कृति उत्सव 2023

यूपी में ‘संस्कृति उत्सव 2023’ का आयोजन 25 दिसंबर से 26 जनवरी 2024 तक किया जाएगा। इसके माध्यम से प्रदेश के लोक कलाकारों को उचित मंच दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने और लोककला को देश समेत दुनियाभर में प्रसिद्धि दिलाने के लिए संस्कृति उत्सव 2023 के भव्य आयोजन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। ‘उत्तर प्रदेश पर्वः हमारी संस्कृति-हमारी पहचान’ थीमलाइन से आयोजित किए जा रहे इस उत्सव से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन 25 दिसंबर से 26 जनवरी 2024 तक होगा। इस दौरान, गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला, मंडल समेत राज्य स्तर पर लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मंच मिलेगा।
सीएम योगी की मंशा अनुरूप, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा इस उत्सव का आयोजन प्रदेश भर में कराया जाएगा जिसमें कई प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। मुख्य रूप से शास्त्रीय, उप शास्त्रीय, लोक नाट्य व लोक संगीत जैसी सांस्कृतिक विधाओं को प्रश्रय प्रदान करने की भावना से इन कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश भर में किया जाएगा। इस आयोजन में ग्रामीण अंचलों में प्रचलित लोक संगीत को भी काफी प्रमुखता दी जाएगी तथा सभी स्तरों पर होने वाली प्रतियोगिताओं में विजेता कलाकारों को सम्मानित व पुरस्कृत किया जाएगा।
प्रदेश के हर कोने में होंगे उत्सव से जुड़े आयोजन
संस्कृति उत्सव 2023 कितना भव्य होगा इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के हर कोने में उस्तव से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस कड़ी में 25 से 30 दिसंबर के बीच तहसील मुख्यालय पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जिसमें गांवों, पंचायत, ब्लॉक व तहसील स्तर के कलाकार भाग लेंगे। इसके बाद, 1 से लेकर 5 जनवरी 2024 के बीच जिला मुख्यालयों पर होने वाली प्रतियोगिता में तहसील स्तर के चयनित कलाकार भाग लेंगे।
मंडलीय मुख्यालय स्तर पर 10 से 15 जनवरी के बीच प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिसमें जिला स्तर पर चयनित कलाकार प्रतिभाग करेंगे। इसके आगे तीन अन्य चरणों से गुजर कर प्रतियोगिता निर्णायक स्थिति में पहुंचेगी और इन तीनों ही चरण की प्रतियोगिताओं का आयोजन लखनऊ में होगा। मंडल स्तर के चयनित कलाकारों को अभ्यास व मुख्य आयोजन में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा और सम्मानित भी किया जाएगा।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सार्वभौमिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी जिसके लिए विभिन्न स्तर पर शासकीय-अर्ध शासकीय विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वैच्छिक संस्थाओं, नेहरू युवा केंद्र तथा नेशनल कैडेट कोर समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाएगा। सूचना जनसंपर्क विभाग द्वारा भी संस्कृति उत्सव 2023 के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे।
ध्रुपद समेत कई शैलियों के प्रदर्शन के लिए होंगी प्रतियोगिताएं
आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय गायन में ख्याल, ध्रुपद, उपशास्त्रीय गायन में ठुमरी, दादरा, चैती, चैता, झूला, होरा, टप्पा, वादन में बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम, सितार, वॉयलिन, गिटार, सारंगी, वीणा, तबला, पखावज, मृदंगम व घटम तथा जनजातीय व लोक वाद्ययंत्र से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी। वहीं, नृत्य में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनीअट्टम व अन्य शास्त्रीय नृत्यों से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी।
इसी प्रकार, लोक नृत्य में धोबिया, अहिरवा, करमा, शैला, डोमकच, आखेट तथा लोक नाट्य में नौटंकी, रामलीला, रासलीला, स्वांग, भगत, बहुरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि की प्रतियोगिताएं होंगी। लोक गायन में कजरी, चैती, झूला, बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली व सुगम संगीत के अंतर्गत गीत, गजल, भजन तथा देशभक्ति गीत जैसी केटेगरीज में प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। एकल नृत्य व सामूहिक नृत्य के लिए रिकॉर्डेड संगीत मान्य होगा। प्रतियोगिताओं में विजयी कलाकारों को मेडल, प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न देकर पुरस्कृत किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button