ट्रेनों व प्लेटफार्म पर चोरी करने वाले फर्जी पुलिसकर्मी को जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया है। उसके पास से फर्जी आईडी, नेम प्लेट और वर्दी बरामद किया गया है। आरोपी चोरी का सामान कानपुर और गाजियाबाद में बेचता था।
पुलिस की वर्दी पहनकर रेल यात्रियों का सामान चोरी करने वाले फर्जी पुलिसकर्मी को कैंट जीआरपी और आरपीएफ ने सर्कुलेटिंग एरिया से गिरफ्तार किया। उसके पास से फर्जी परिचय पत्र, पीएनओ नेम प्लेट, वर्दी और चोरी का आईपैड, मोबाइल, सूटकेस बरामद हुआ। जीआरपी ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
यह है मामला
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कैंट स्टेशन पर किसी का सूटकेस चोरी किया तो उसमें वर्दी मिली। वर्दी पहनकर पहले वह चाय की दुकान पर गया तो दुकानदार ने पैसे नहीं लिए। होटल में खाने के बाद भी पैसे नहीं देने पड़े। ऑटो, ई-रिक्शा वाले भी पुलिसकर्मी समझकर पैसे नहीं लेते थे। इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा तो वह चोरी, धोखाधड़ी करने लगा। चोरी के सामानों को वह कानपुर, गाजियाबाद में बेचता था। पुलिस की टीम वहां जाकर दुकानदारों से पूछताछ करेगी।
गाजियाबाद का रहने वाला है आरोपी
सीओ जीआरपी कुंवर प्रभात सिंह ने बताया कि आरोपी अरविंद कुमार यादव उर्फ राजवीर यादव गाजियाबाद का मूल निवासी है। वह नगवां में किराये के मकान में रहता था। 17 जनवरी को बिहार की रहने वाली रेखा शर्मा का स्टेशन के एसी वेटिंग रूम से सामान चोरी हुआ था। सीसी कैमरे खंगालने पर पता चला कि वारदात को किसी पुलिसकर्मी ने अंजाम दिया। रेखा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।
दो साल आठ माह तक भदोही जेल में था बंद
जीआरपी इंस्पेक्टर हेमंत सिंह को सूचना मिली कि पुलिस की वर्दी पहनकर यात्रियों का सामान चोरी करने वाला युवक सर्कुलेटिंग एरिया में दोबारा वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। आरपीएफ की दो और जीआरपी की टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को दबोच लिया। पीड़िता रेखा शर्मा ने जीआरपी से कहा कि सामान में उनकी घड़ी नहीं मिली है, वह माता-पिता की आखिरी निशानी थी।
जीआरपी इंस्पेक्टर हेमंत सिंह ने बताया कि आपराधिक इतिहास खंगालने पर पता चला कि अरविंद औराई थाने में चोरी के मुकदमे में दो साल आठ माह तक बंद था। जनवरी में जेल से छूटा तो फिर चोरी, धोखाधड़ी करने लगा।
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