प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए लोग ऐसे ही उतावले नहीं रहते हैं। वह जहां भी जाते हैं, उस जगह की भाषा का प्रयोग अपने भाषण में जरूर करते हैं। इसके जरिए वह सीधे लोगों के दिल में उतर जाते हैं। रविवार को लोकार्पण और शिलान्यास के अवसर पर ही उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। इस बार भी उन्होंने संबोधन के बीच में भोजपुरी भाषा का बहुत ही सटीक प्रयोग किया।
रविवार को जब वह लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए जनपद पहुंचे और अपना संबोधन शुरू किया तो उन्होंने अपने संबोधन की शुरू खड़ी बोली में की। लेकिन वह भोजपुरी को नहीं भूले। उन्होंने भोजपुरी भाषा का प्रयोग अपने भाषण में किया। उन्होंने कहा कि ‘जे भी आजमगढ़ का रहे वाला हौ… सबके बहुत खुशी मिलत होई। एकरे पहले हम पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे क लोकार्पण करे आयल रहली। अब आजमगढ़ में मेडिकल कालेज आउर आपन यूनिवर्सिटी रही।
इसके बाद मोदी यहीं नहीं रुके। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘आजमगढ़ जौन चाह जाला ऊ कर लेवे ला। यही लिए अबकी बार 400 पार।’ उन्होंने कहा कि यूपी की सफाई में आजमगढ़ भी हमारे साथ रहेगा।
2018 में भोजपुरी से की थी शुरुआत
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का शिलान्यास करने और लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकने के लिए मंदुरी एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। शिलान्यास के बाद जब वह लोगों को संबोधित करने के लिए उठे तो उन्होंने भोजपुरी से अपने संबोधन की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत माता की… जय के जयकारे संग अपने संबोधन की शुरुआत की थी।
इसके बाद उन्होंने कहा कि आज हमरे खातिन बहुत ही गौरवशाली दिन बा कि तमसा के पवन तट पर स्थित आजमगढ़ जिले में अइले के सौभाग्य मिलल हवै। ई जिला तमाम ऋषि मुनिया, चिंतकों, विद्वानों और स्वतंत्रता सेनानियों की जनम स्थली रहल हवै। हम ई धरती के प्रणाम करत हईं और आप सबय लोगन के पांव लगत हईं।’ उनके इतना कहते ही पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था।
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