काजल की ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टर ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया है। वह अपने परिजनों व पार्टी नेताओं के साथ एम्बुलेंस से इलाज के लिए लखनऊ के लिए रवाना हो गई हैं।
समाजवादी पार्टी की लोकसभा सदर प्रत्याशी काजल निषाद की शुक्रवार को तबीयत खराब होने पर उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो दिनों से वहां उनका इलाज चल रहा था। रविवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया।
डॉक्टरों की सलाह पर उनके परिजन उन्हें लेकर एंबुलेंस से लखनऊ रवाना हो गए। वहीं खबर यह भी कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। दरअसल, समाजवादी पार्टी की गोरखपुर लोकसभा सदर प्रत्याशी काजल निषाद की शुक्रवार को तबीयत खराब हो गई थी। परिजनों ने उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
दो दिनों से वहां उनका इलाज चल रहा था। रविवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। डॉक्टरों की सलाह पर उनके परिजन उन्हें लेकर एंबुलेंस से लखनऊ रवाना हो गए।
सपा के मीडिया प्रभारी राजू तिवारी ने बताया कि काजल के अस्वस्थ होने की खबर पाकर पार्टी के नेता निजी अस्पताल पहुंच गए। उनका हालचाल लिया। पार्टी के कुछ नेता उनके साथ लखनऊ भी गए हैं। एंबुलेंस में उनके साथ उपने पति हैं। जबकि, दूसरी गाड़ियों से पार्टी के लोग भी साथ में लखनऊ के लिए निकले हैं।
कौन हैं काजल
काजल निषाद लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से ताल ठोकने जा रही हैं। इससे पहले काजल अभिनय की दुनिया में दमखम दिखा चुकी हैं। काजल निषाद की फिल्मों से राजनीति तक की यात्रा काफी फिल्मी है।
काजल निषाद का जन्म गुजरात के कच्छ में हुआ, लेकिन वह करियर के लिए मुंबई आ गईं और यहीं फिल्मों और टीवी शो में काम किया। वर्ष 2009 में उन्होंने ‘लापतागंज’ शो में ‘चमेली’ के रोल से करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने भोजपुरी सिनेमा का रुख किया। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘शादी ब्याह’ थी। इसके बाद उनका पर्दार्पण राजनीति में हुआ।
कांग्रेस से की राजनीतिक की शुरुआत
काजल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी के साथ की। लेकिन, फिलहाल में समाजवादी पार्टी का हिस्सा हैं। समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में सदर लोकसभा सीट से एक बार फिर काजल निषाद पर दांव लगाया है।
काजल ने पहली बार विधानसभा चुनाव 2012 में कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से किस्मत आजमाई थी, लेकिन वे हार गईं। इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद को कैपियरगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा।
पार्टी को निषाद वोट बैंक पर भरोसा था लेकिन, भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह ने हरा दिया। वर्ष 2023 में हुए निकाय चुनावों में भी सपा ने उन्हें गोरखपुर महापौर के पद के लिए टिकट देकर भरोसा जताया। लेकिन वे हार गईं।
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