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बच्चों को पढ़ाने वाले सरकारी अध्यापकों का अब होगा मूल्यांकन

पढ़ाते समय क्लास रूम की होगी रिकॉर्डिंग

यूपी के बेसिक स्कूलों में सरकार नया प्रयोग करने जा रही है। अब बच्चों को पढ़ाने वाले टीचरों का मूल्याकंन किया जाएगा। क्लास रूम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था में किए जा सुधार के क्रम में अब बच्चों के साथ ही शिक्षकों का भी मूल्यांकन होगा। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों के पठन-पाठन के तरीकों की पांच मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग कराएगा। इसका डायट स्तर पर मूल्यांकन होगा। वहीं जिन शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके आदि में कमियां होंगी, उसमें सुधार के लिए भी काम किया जाएगा।

परिषदीय विद्यालयों में प्रभावी कक्षा शिक्षण के लिए एससीईआरटी की ओर से विभिन्न कवायद की जाती है। इसमें टेक्स्ट बुक से लेकर विभिन्न सपोर्टिंग सुपरविजन भी किया जाता है। इसी के तहत अब पठन-पाठन को और बेहतर करने के उद्देश्य से यह कवायद शुरू की गई है। हर परिषदीय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालय के शिक्षकों की कक्षावार, विषयवार, लर्निंग आउटकम आधारित वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी डायट प्राचार्य व उप शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि यह वीडियो 20 मई तक तैयार कराकर बीईओ को उपलब्ध कराएं। इन वीडियो का मूल्यांकन करते हुए उनकी गुणवत्ता के आधार पर उत्कृष्ट, मध्यम व सामान्य श्रेणी में इसका विभाजन किया जाएगा।

15 जून तक हो प्रक्रिया 

वहीं मध्यम व सामान्य श्रेणी में आने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर उनके पठन-पाठन के तरीके को और बेहतर किया जाएगा। जबकि उत्कृष्ट शिक्षकों के वीडियो को विभिन्न कार्यशालाओं में प्रयोग किया जाएगा। इन्हें एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी ताकि वे और बेहतर कर सकें। उन्होंने कहा है कि यह प्रक्रिया 15 जून तक पूरी करा ली जाए ताकि जुलाई में जब विद्यालय खुलें तो नए उत्साह के साथ पठन-पाठन की शुरुआत हो।

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