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फर्जी ईडी अधिकारी का गिरोह, सहायक निदेशक का रोल करने वाला गिरफ्तार

साथी को भी लगी गोली

फर्जी ईडी अधिकारी गिरोह में सहायक निदेशक का रोल करने वाले आरोपी और उसके साथी को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया हैष दोनों के पैर में गोली लगी है। उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

मथुरा में फर्जी ईडी अधिकारी बनकर व्यापारी के घर में डकैती डालने का प्रयास करने वाले गैंग में सहायक निदेशक का रोल निभाने वाले आरोपी और उसके साथी को गोविंद नगर और एसओजी ने बुधवार की देर रात मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ में गिरफ्तार अभियुक्त पूरी टीम का नेतृत्व कर रहा था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो तमंचा और कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर साथियों के बारे में जानकारी कर रही है।

एसओजी प्रभारी राकेश यादव को सूचना मिली कि फर्जी ईडी मामले के दो आरोपी वृन्दावन रोड पर राधापुरम कॉलोनी के पास खड़े हैं। उन्होंने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गोविंद नगर थाना प्रभारी निरीक्षक देवपाल सिंह पुंडीर को दी। सूचना मिलने पर थाना गोविंद नगर एवं एसओजी की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों को घेर लिया। खुद को घिरता देख बदमाश पुलिस पर फायर कर भागने लगे। जबावी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई तो दोनों बदमाशों के टांग में गोली लगी और वह घायल हो गए। तलाशी में उनके कब्जे से दो तमंचे और कारतूस बरामद हुए।

पूछताछ में उन्होंने अपने नाम फरीदाबाद थाना के डबुआ कालोनी निवासी सागर वर्मा उर्फ हनी तथा चाची का मंदिर पीतमपुर नई दिल्ली निवासी तरुण पाल सिंह उर्फ चिंटू बताया। पुलिस ने बताया कि तरुण पाल सिंह उर्फ चिंटू मूल रूप से मेरठ के थाना ट्रांसपोर्ट नगर बागपत रोड स्थित न्यू मुल्तान नगर का रहने वाला है। दोनों ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी ईडी अधिकारी बनकर व्यापारी के घर में डकैती का प्रयास किया था। गोली के कारण घायल बदमाशों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस अन्य साथियों के बारे में जानकारी कर रही है। फर्जी ईडी अधिकारी मामले में पुलिस की टीम अब तक नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बुधवार की रात को मुठभेड़ में दो आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद संख्या 11 हो गई है। जबकि पूछताछ में लगातार आरोपियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

पूरी टीम को लीड कर रहा था सागर वर्मा

फर्जी ईडी अधिकारी बनकर व्यापारी के घर में डकैती का प्रयास करने वाले गैंग को सागर वर्मा ही लीड कर रहा था। वह टीम में सहायक निदेशक की भूमिका अदा कर रहा था और पूरी टीम को दिशा निर्देश दे रहा था। इससे पूर्व उसने अपने साथियों के साथ व्यापारी के घर की दो बार रेकी भी की थी। पुलिस के अनुसार सागर शातिर अपराधी है। उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में आउटर दिल्ली स्थित थाना क्राइम ब्रांच में दो, मेरठ के थाना ट्रांसपोर्ट नगर में एक मुकदमा दर्ज है।

अंकुर चौधरी की मुखबिरी से सागर और तरुण पाल को गिरफ्तार कराने की चर्चा

 चर्चा है कि सागर वर्मा और तरुण पाल सिंह की गिरफ्तारी अंकुर चौधरी की मुखबिरी के कारण ही हुई है। यही कारण है कि पुलिस ने उसकी थाने में गिरफ्तारी दिखाई है। चर्चा है पुलिस और अंकुर चौधरी के बीच फर्जी ईडी मामले के अन्य आरोपियों के ठिकानों की जानकारी देने का समझौता हुआ। इसी कारण पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी थाने से दिखाई है। चर्चा तो यह भी है कि अंकुर चौधरी ने ही फोन करके दोनों को धोखे से मथुरा बुलाया और उनकी गिरफ्तारी कराई है।

यह था मामला

30 अगस्त को राधा ऑर्चिड कॉलोनी के गोकुलेश भवन स्वामी व्यापारी अश्वनी अग्रवाल के घर पर कुछ लोग ईडी अधिकारी बनकर पहुंचे। व्यापारी को वारंट दिखाया और घर में जबरन घुसने का प्रयास किया। व्यापारी को शक हुआ तो किसी तरह से बदमाशों के चंगुल से छूटकर घर से बाहर भागा और शोर मचा दिया। शोर सुनकर लोग एकत्रित हुए तो फर्जी ईडी अधिकारी मौके से भाग गए। सूचना पर पहुंचे एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने आरोपियों की सिंह गिरफ्तारी के लिए स्वॉट, एसओजी, सर्विलांस समेत पांच टीमों का गठन किया।

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