राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि लंबे समय से बिजली दरों में कमी इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि पावर कॉरपोरेशन चाहता ही नहीं है।
उत्तर प्रदेश में नई बिजली दर की घोषणा इसी सप्ताह हो सकती है। नियामक आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इसे देखते हुए उपभोक्ता परिषद ने राज्य सरकार से उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर बकाए के एवज में बिजली दरों में कमी का आदेश देने की मांग की है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर करीब 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है। इस पर टैरिफ निर्धारण की राज्य सलाहकार समिति की बैठक में भी विचार-विमर्श हो चुका है। उपभोक्ता परिषद के सभी मुद्दों को समिति की बैठक में शामिल किया गया था। इससे साबित हो गया है कि प्रदेश में कोई ऐसा कानून नहीं है, जो बिजली दरों में वृद्धि कर सके।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से बिजली दरों में कमी इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि पावर कॉरपोरेशन चाहता ही नहीं है। नोएडा पावर कंपनी में जब उपभोक्ताओं का लगभग 1000 करोड़ से ज्यादा का सरप्लस निकला तो वहां दो साल में 10 प्रतिशत बिजली दरों में कमी की गई। यहां रिबेट भी लागू है। ऐसे में यह प्रक्रिया अन्य बिजली कंपनियों में क्यों नहीं लागू की गई? इस पर विद्युत नियामक आयोग को भी सोचना होगा कि इससे बिजली उपभोक्ताओं का विश्वास बना रहे।
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