आजमगढ़ जिले के पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों के हो रहे प्रशासनिक उत्पीड़न से निजात पाने एवं मान सम्मान के साथ प्राथमिक उपचार करने के संबंध में आज इंडियन पैरामेडिकल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से सौंपा।
आपको बता दें कि इंडियन पैरामेडिकल एसोसिएशन पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों की समस्याओं के निदान को लेकर प्रयासरत है और ग्रामीण जनों को बेहतर आकस्मिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों के सहयोग कभी नकारा नहीं जा सकता वैश्विक महामारी कोविड-19 में पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों की सेवाओं से ज्यादातर लोग लाभान्वित हुए जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक केंद्र व हायर सेंटर अपने हाथ खड़े कर लिए थे उस संकट की घड़ी में ग्रामीण चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डालकर देश एवं समाज की सेवा की और कोविड-19 बेसिक महामारी से निजात दिलाने का काम किया उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पराचिकित्सकों को आगे लाया जाए और प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लोगों तक पहुंचा जा सके और पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों के हो रहे उत्पीड़न से निजात दिलाने की कृपा करें।
उन्होंने मांग किया कि पराचिकित्सकों एवं अनुभावशील ग्रामीण चिकित्सकों को प्राथमिक उपचार करने का अधिकार प्रदान किया जाए साथ ही नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के हर विभाग की भर्ती निकाली जाए साथ ही उन्होंने अनुभावशील एवं ग्रामीण चिकित्सकों को शासन द्वारा अधिकृत कुशल चिकित्सकों जैसे जिला चिकित्सालय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सक द्वारा 6 से 12 माह का प्रशिक्षण दिलाकर प्राथमिक उपचार करने की स्वीकृति प्रदान की जाए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी रोगों से बचाव के लिए जन जागरूकता के लिए पराचिकित्सकों को प्राथमिकता दी जाए साथ ही पराचिकित्सकों एवं ग्रामीण चिकित्सकों को सम्मान देते हुए चिकित्सा मित्र बनाया जाए और चिकित्सकों के हो रहे प्रशासनिक उत्पीड़न को रोका जाए।
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