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हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के विरोध में ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति पीएम सीएम उड्डयन मंत्री को भेजा पत्र

रिपोर्टर-सचिन कुमार राव
आजमगढ़ : प्रशासन द्वारा नये सर्वे के अनुसार कुल 08 ग्रामों के लगभग 4000 घरों को तोड़कर मन्दुरी हवाई पट्टी का विस्तार करके अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाये जाने के विरोध में ग्रामसभा गदनपुर हिच्छनपट्टी, जमुआ हरिराम, जमुआँ जोलहा, जिगिना, मन्दुरी, जेहरा पिपरी, हसनपुर व कादीपुर, तहसील सगड़ी, जनपद आजमगढ़ के ग्रामवासियों ने आशियाना बचाओ ग्रामवासीयों ने एक मोर्चा बनाकर कलेक्ट्रेट स्थित रिक्शा स्टैण्ड पर जनसभा करके धरना दिया। जनसभा के बाद ग्रामीणों ने जिलाधिकारी एवं कमिश्नर से मिलकर मुख्यमंत्री, महामहिम राज्यपाल उड्डयन मंत्रालय एवं महामहिम राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि इसके पूर्व भी 02 नवम्बर, 2022 को कलेक्ट्रेट पर धरना देकर शासन को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया था। उक्त ज्ञापन के समर्थन में हमारे जनपद के विधायकगण नफीस अहमद व दुर्गा प्रसाद यादव ने विधानसभा में जोरदार ढंग से प्रश्न उठाया और कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं, किन्तु चालीस हजार लोगों का आशियाना उजाड़कर कोई विकास नहीं हो सकता। यह भी कहा कि अगर विकास करना ही है, तो खाली व परती अनुपजाऊ जमीनों का सर्वे करा लिया जाय और किसी भी कीमत पर गरीबों के आशियाने व उससे लगी सटी उपजाऊ जमीनों को प्रभावित न किया जाय। यह भी कहा गया कि विधायकगण द्वारा सदन में उठाये गये उपरोक्त प्रश्न का जवाब देते हुये प्रदेश सरकार के संसदीय कार्यमंत्री द्वारा यह कहकर मामले को टाल दिया गया कि उन्हें आशियाना उजाड़ने की जानकारी नहीं है, इसके लिये जिलाधिकारी से वे बाद में बात करेगें। संसदीय कार्यमंत्री का यह कथन बेहद ही गैरजिम्मेदाराना एवं जनविरोधी है, जिसकी मोर्चा के वक्ताओं द्वारा घोर निन्दा की गयी।
वक्ताओं ने कहा कि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी योजना के लिये घनी आबादी क्षेत्र को प्रभावित न किया जाय, क्यों कि लोगों को आबादी क्षेत्र का अधिक मुआवजा देना पड़ेगा और साथ ही उनके पुनर्वासन एवं पुनर्व्यस्थापन करने पर भी सरकारी खजाने पर अतिरिक्त व्यय भार पड़ेगा। इसके बाद भी प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है। और खाली परती पड़ी अनुपजाऊ जमीनें होते हुये भी उन्हें छोड़कर 08 गाँवों की घनी आबादी उजाड़ने की योजना बना लिया है तथा ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी चूना लगाने पर आमादा है। प्रशासन के मनमानेपन से कुल 08 ग्रामों की घनी आबादी, जिसमें लगभग 4000 घर मौजूद हैं, पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे और लगभग 40-50 हजार लोग बेघर होकर बंजारों जैसा जीवन व्यतीत करने के लिये मजबूर होंगे। धरने की अध्यक्षता डा० राधेश्याम व संचालन श्यामनरायन सिंह ने किया। सभा को ज्ञानराम, शिवप्रकाश यादव, ओमहरी प्रजापति, शिवबचन, ओमप्रकाश सिंह, जीतनरायन यादव, केदार वर्मा, नीरज राय, संगीता व सुभावती ने सम्बोधित किया।

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