आज़मगढ़: जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय है। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में 28 व 30 दिसंबर को प्रशिक्षिण शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन फरवरी में शुरू होने वाले आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल (आईडीए) अभियान के मद्देनजर किया गया है। इस अभियान के दौरान उम्र के अनुसार ट्रिपल ड्रग थेरेपी यानि आइवरमेक्टिन, डीईसी एवं एल्बेंडाजोल का सेवन कराया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर औषधि सेवन कराने वाली दो सदस्यीय टीम को प्रशिक्षित करने के लिए, सीएमओ डॉ आईएन तिवारी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। राज्य स्तर कार्यक्रम अधिकारी डॉ विजय सिंह एवं (पाथ संस्था) की मंडलीय समन्वयक डॉ जसप्रीति कौर सहित जनपद स्तरीय बीसीपीएम,एचईओ एवं चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान कुल 40 सदस्य उपस्थित थे|
डॉ विजय ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। यह बीमारी मुख्यतः व्यक्ति के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करती है। इसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील और महिलाओं का स्तन शामिल है। शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इस बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके जरिए लोगों को इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवाएं खिलाएंगी। यह दवा गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खानी है।
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