आज़मगढ़आजमगढ़उत्तर प्रदेशखेलटेक्नोलॉजीदेशमनोरंजनराजनीतिविदेशस्वास्थ

कूरियर पार्सल में ड्रग्स भेजने के नाम पर ठगी

शुरुआत में पीड़ित कहता है कि उसने इस तरह का कोई पार्सल नहीं भेजा। बाद में उसे बताया जाता है कि आपकी आईडी का गलत इस्तेमाल हुआ है। अब आपको मुंबई क्राइम ब्रांच आना ही पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों नामी कूरियर कंपनी के नाम पर साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देशभर के कई हिस्सों में बैठे साइबर ठग आपके नाम से विदेश में कूरियर के जरिये हेरोइन-कोकीन या दूसरे मादक पदार्थ भेजे जाने की बात करते हैं। बातचीत के दौरान बदमाश आपको आपका आधार, पैन, मोबाइल नंबर यहां तक कि आपकी कई बेहद गोपनीय जानकारी भी बताते हैं।
पीड़ितों को डराया और धमकाया जाता
डर का माहौल बनाने के लिए पुलिस की वर्दी में वीडियो कॉल, वायरलेस सेट पर दूसरे अधिकारी से बातचीत, यहां तक कि थाने में ही लगी फोटो भी दिखाई जाती है। इस दौरान पीड़ित को और डराने के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच का नोटिस, रिजर्व बैंक का पत्र, जिसमें खाता फ्रीज करने का जिक्र किया जाता है, इसके अलावा दूसरे दस्तावेज भेजे जाते हैं।
क्राइम ब्रांच आने की देते हैं धमकी
शुरुआत में पीड़ित कहता है कि उसने इस तरह का कोई पार्सल नहीं भेजा। बाद में उसे बताया जाता है कि आपकी आईडी का गलत इस्तेमाल हुआ है। अब आपको मुंबई क्राइम ब्रांच आना ही पड़ेगा। यहां तक गिरफ्तारी और जमानत लेने तक की बात की जाती है। इससे पीड़ित डर जाता है। इस तरह पीड़ित को मनोवैज्ञानिक डर दिखाने के बाद उससे ठगी के रूप में आसानी से मोटी रकम वसूल ली जाती है। जैसा पीड़ित से कहा जाता है, वह वैसा ही करता है। फिलहाल दिल्ली के कई जिलों के साइबर थानों और स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटजिक ऑपरेशंस यूनिट के पास इस तरह ठगी के 50 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।
जमानत के लिए वकील से भी बात कराई
पंजाबी बाग निवासी संजय (बदला हुआ नाम) गुरुग्राम की आईटी कंपनी में सहायक मैनेजर हैं। पिछले दिनों इनके मोबाइल पर एक कॉल आई। फोन उठाया तो आवाज आई ‘आपका पार्सल रोक लिया गया है’ इसलिए अधिक जानकारी के लिए एक दबाएं। जैसे ही संजय ने एक दबाया, दूसरी ओर से एक व्यक्ति की आवाज आई। उसने बताया कि वह फेडेक्स कस्टमर सर्विस से बोल रहा है। आपने जो पार्सल मुंबई से कनाडा भेजा था, उसे नारकोटिक्स विभाग ने जब्त कर लिया है।
संजय के काफी देर मना करने के बाद दूसरी ओर मौजूद व्यक्ति ने कहा कि आपकी भी आईडी का गलत इस्तेमाल हो गया है। आपकी कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर किया जा रहा है। कुछ ही देर बाद दूसरी ओर से एक व्यक्ति कड़क आवाज में बात करने लगा। उसने खुद को इंस्पेक्टर विपिन बताया। वह संजय को डराने लगा। उसे मुंबई आने की बात करने लगा। बाद में आरोपी ने उसे वीडियो कॉल की। वीडियो कॉल में आरोपी वर्दी पहने हुए दिखा। कॉल में पीछे थाने का बैकग्राउंड भी दिख रहा था।
बातचीत के दौरान विपिन नामक व्यक्ति किसी दूसरे शख्स से वायरलेस पर बात करता है। वायरलेस वाला शख्स संजय का नाम लेकर अब तक गिरफ्तारी न करने के लिए डांटता है। दूसरा शख्स कहता है कि इसके नाम से खोले गए बैंक खाते से 80 लाख की ड्रग्स खरीदी गई है, इसे गिरफ्तार ही करना पड़ेगा। यह सुनकर संजय के हाथ-पैर कांपने लगे। बाद में जमानत के लिए उसे एक वकील से बात करवाई गई।
पीड़ित को क्राइम ब्रांच की ओर से उसके नाम का पत्र और रिजर्व बैंक से उसके खाते को फ्रीज करने का पत्र भी भेज दिया गया। बुरी तरह डराने के बाद पीड़ित से दो लाख रुपये फौरन ट्रांसफर करवा लिए गए। बाद में पीड़ित को ठगी का पता चला। पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। ज्यादातर मामलों में इसी तरह ठगी की जा रही है। ठगी की रकम को देश के कई बैंक खातों में ट्रांसफर कर उनको निकाल लिया जाता है।
कूरियर कंपनी ने जारी की एडवाइजरी
कूरियर कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से कहा कि वह किसी भी बैंक की जानकारी या निजी जानकारी नहीं मांगते। यदि आपके पास कंपनी के नाम से कोई कॉल या मैसेज आए तो फौरन इसकी शिकायत करें। इसके साथ किसी लिंक पर क्लिक न करें। आईवीआर पर दिए गए ऑपशन पर भी बात न करें।
ऐसे करेंगे तो नहीं होगी ठगी
कूरियर पार्सल के नाम से कॉल आए तो उसे नजरअंदाज करें।
फोन उठा भी लें तो किसी ऑपशन पर बटन न दबाएं।
अपनी कोई निजी जानकारी किसी को भी उपलब्ध न कराएं।
किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
ठगी होने पर नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन या 1930 पर शिकायत दें।
www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दें।
कूरियर पार्सल के नाम पर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। यदि पार्सल के नाम पर कोई आपको डराकर पैसे वसूलने का प्रयास करें तो बिल्कुल भी न डरें और जल्द से जल्द नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर थाने में शिकायत दें। ऑनलाइन भी शिकायत कर सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button