यूपीपीएससी देश का एकमात्र आयोग है, जिसने ओटीआर को सफलतापूर्वक लागू किया। इससे पूर्व कुछ अन्य आयोगों ने भी ओटीआर व्यवस्था को लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। ओटीआर की व्यवस्था ने परीक्षा प्रणाली को सरलीकृत किया है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में 18 दिसंबर 2023 को राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला होने जा रही है, जिसमें देशभर के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष शामिल होंगे। आयोगों के अध्यक्ष यूपीपीएससी की कार्यप्रणाली एवं इंटरव्यू तकनीक से परिचित होंगे। साथ ही वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) की सफलता का राज भी जानेंगे।
यूपीपीएससी देश का एकमात्र आयोग है, जिसने ओटीआर को सफलतापूर्वक लागू किया। इससे पूर्व कुछ अन्य आयोगों ने भी ओटीआर व्यवस्था को लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। ओटीआर की व्यवस्था ने परीक्षा प्रणाली को सरलीकृत किया है। अभ्यर्थियों को अब आयोग की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए आवेदन की कठिन प्रक्रिया का बार-बार सामना नहीं करना पड़ेगा।
ओटीआर होने के बाद फॉर्म में सिर्फ दो या तीन जानकारी भरने पर आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।आयोग के पास ओटीआर करने वाले अभ्यर्थियों से जुड़े सभी अभिलेख भी सुरक्षित रहेंगे। ऐसे में आयोग अगले चरण में अभिलेख सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को बुलाने की व्यवस्था भी समाप्त करने जा रहा है। हालांकि, इसमें अभी कुछ वक्त लगेगा। अब तक 14 लाख अभ्यर्थी ओटीआर कर चुके हैं और इनकी संख्या 20 लाख से ऊपर पहुंचने का अनुमान है। देशभर के लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष कार्यशाला में यह जानेंगे कि आयोग ने इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक कैसे लागू किया।
रिकॉर्ड समय में परिणाम जारी कर सुधारी छवि
एक समय था जब आयोग में वर्षों तक भर्तियां लंबित पड़ी रहतीं थीं, लेकिन बीते दिनों आयोग ने प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पीसीएस का परिणाम 10 माह में जारी किया। वहीं, पीसीएस जे परीक्षा का परिणाम महज साढ़े छह माह में जारी कर दिया। यह रिकॉर्ड बनाकर यूपीपीएससी ने अपनी छवि में जबर्दस्त सुधार किया है, जो अन्य आयोगों के लिए नजीर भी है। कार्यशाला में यूपीपीएससी की परीक्षा प्रणाली पर भी चर्चा होगी और यह बताया जाएगा कि कम समय में पारदर्शिता के साथ परीक्षा कैसे कराई जा सकती है।
इंटरव्यू, पीसीएस परीक्षा के पैटर्न में बदलाव भी होगी चर्चा
आयोग ने इंटरव्यू में पारदर्शिता के लिए पिछले दिनों कई अहम बदलाव किए और इसका असर भी देखने को मिला। ऐसे में अन्य आयोगों के अध्यक्ष यूपीपीएससी की इंटरव्यू तकनीक से भी परिचित होंगे। यूपीपीएससी ने पीसीएस मुख्य परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया है। अब वैकल्पिक विषयों की जगह सामान्य अध्ययन के उत्तर प्रदेश विशेष दो प्रश्नपत्र परीक्षा में शामिल किए गए हैं। हालांकि, कुछ अन्य आयोग भी इसी पैटर्न पर परीक्षा कराते हैं। यूपी पीसीएस के परीक्षा पैटर्न में बदलाव के बाद अब स्केलिंग का विवाद नहीं रहेगा और उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन प्रक्रिया भी थोड़ी आसान होगी। कार्यशाला में दूसरे आयोगों के लिए परीक्षा पैटर्न में बदलाव भी चर्चा के मुख्य बिंदुओं में शामिल होगा।
परीक्षा के साथ पर्यटन के लिए भी मशहूर होगा आयोग
यूपीपीएससी के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के कार्यभार संभालने के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार के साथ ही आयोग ने खुद को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में भी विकसित करने की कवायद शुरू की है। आयोग में अत्याधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से लैस 11 मंजिल का जी-11 भवन बनने जा रहा है। आयोग में ओपेन एयर ऑडिटोरियम का निर्माण भी हो रहा है। आयोग के गेट नंबर पांच और छह को सारनाथ की प्रतिकृति के रूप में तैयार किया जा रहा है। आयोग एक संग्रहालय भी बनवा रहा है। ओपेन एयर ऑडिटोरियम और संग्रहालय में आम लोगों को भी एंट्री मिलेगी। वहीं, सारनाथ की तर्ज पर तैयार किया जा रहे गेट के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे। कार्यशाला में शामिल होने वाले दूसरे आयोगों के अध्यक्षों को इन उपलब्धियाें से भी परिचित होने का मौका मिलेगा।
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