उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के छह सदस्यों के पद खाली होने का असर भर्तियों पर पड़ रहा है। हाल ये है कि 2016 की कुछ भर्तियों के अभ्यर्थी अपनी इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।
एक तरफ सरकार का ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर है वहीं दूसरी तरफ उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) जैसे महत्वपूर्ण आयोग में छह सदस्यों के पद 10 माह से खाली हैं। इसका असर भर्तियों पर पड़ रहा है। हालत यह है कि वर्ष 2016 के भी कुछ भर्तियों के अभ्यर्थी अपनी इंटरव्यू आदि प्रकिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं।
यूपीएसएसएससी में अध्यक्ष के साथ ही सदस्यों के आठ पद स्वीकृत हैं। तीन सदस्यों के पद वर्ष 2022 से खाली हैं। वहीं, जनवरी 2023 में तीन सदस्य अरुण सिन्हा, डॉ. सीमा रानी और डॉ. एके अग्रवाल का कार्यकाल पूरा हो गया। इस तरह लगभग 10 महीने से छह सदस्यों के पद खाली हैं। इसका असर आयोग की ओर से आयोजित परीक्षाओं के इंटरव्यू पर पड़ रहा है।
नियमानुसार हर परीक्षा में आयोग का एक सदस्य नोडल होता है, ऐसे में वह उस परीक्षा के इंटरव्यू बोर्ड का सदस्य नहीं बन सकता है। इसकी वजह से एक ही सदस्य इंटरव्यू बोर्ड की अध्यक्षता कर रहा है। इसकी वजह से वर्ष 2016 में विज्ञापित सहायक सांख्यिकी अधिकारी (एएसओ) के 49, सहायक शोध अधिकारी (एआरओ) के दो और राजकीय दुग्ध पर्यवेक्षक के 62 पद समेत कुछ अन्य भर्तियों के इंटरव्यू नहीं हो पाए हैं।
मई में मांगे गए थे सदस्यों के लिए आवेदन
मई में नियुक्ति व कार्मिक विभाग ने आयोग में सदस्यों के तीन पदों पर नियुक्ति/चयन के लिए आवेदन मांगे थे। यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार आयोग में लगभग 1,100 पद के इंटरव्यू लंबित हैं। शासन अगर कुछ सदस्यों की तैनाती कर दे तो लंबित भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी की जा सकती है।
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