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निजी संस्थानों में एससी-एसटी छात्रों की होगी निःशुल्क पढ़ाई

प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति-जनजाति परिवारों के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क भरपाई की सुविधा है। पहले एससी-एसटी छात्रों को सरकारी, एडेड व निजी शिक्षण संस्थानों में जीरो फीस पर दाखिले की व्यवस्था थी।
निजी संस्थानों में एससी-एसटी छात्रों को निःशुल्क दाखिले की सुविधा अगले सत्र से बहाल हो सकती है। इस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इसका फायदा 20 लाख से ज्यादा छात्रों को मिलेगा। प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति-जनजाति परिवारों के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क भरपाई की सुविधा है। पहले एससी-एसटी छात्रों को सरकारी, एडेड व निजी शिक्षण संस्थानों में जीरो फीस पर दाखिले की व्यवस्था थी। बाद में प्रदेश सरकार उनके शुल्क की भरपाई करती थी।
इस योजना में बड़े पैमाने पर घपले सामने आए। निजी शिक्षण संस्थानों ने अपने यहां अधिकांश छात्रों को एससी-एसटी दिखाना शुरू कर दिया, ताकि सरकार से अधिक से अधिक राशि पा सकें। इनमें तमाम छात्र फर्जी भी पकड़ में आए। इसलिए 2018-19 से निशुल्क दाखिले की व्यवस्था सिर्फ सरकारी और एडेड शिक्षण संस्थानों में ही रह गई। निजी संस्थानों में यह बंद कर दी गई। समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक, योजना फिर शुरू करने से पहले शिक्षण संस्थानों में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिक्षण संस्थानों में वर्तमान सत्र में ही बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए सिस्टम लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। अगर इसमें सफलता मिल गई तो उसके बाद एससी-एसटी छात्रों को निजी संस्थानों में निशुल्क दाखिले की सुविधा बहाल कर दी जाएगी।
हम विचार कर रहे हैं
हम इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन उससे पहले गड़बड़ियों को रोकने की व्यवस्था पुख्ता करेंगे।-असीम अरुण, समाज कल्याण मंत्री

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