लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने आरक्षण बढ़ाओ, संविधान बचाओ अभियान शुरू कर पिछड़ों एवं अति पिछड़ों पर डोरे डालना शुरू किया है।
कांग्रेस खोया हुआ जनाधार पाने के लिए बेताब है। पार्टी अब पुराने दिग्गज नेताओं के परिजनों को अपने साथ जोड़ने का काम करने जा रही है। उन्हें पुराने रिश्तों की दुहाई देकर अपने साथ जोड़ेगी। इसके तहत जिलेवार सूची तैयार की जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने आरक्षण बढ़ाओ, संविधान बचाओ अभियान शुरू कर पिछड़ों एवं अति पिछड़ों पर डोरे डालना शुरू किया है। अल्पसंख्यकों के साथ दलित गौरव यात्रा शुरू की। अब पार्टी ने पुराने दिग्गज नेताओं के परिजनों को जोड़ने की रणनीति बनाई है। पिछले दिनों पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा, गयादीन अनुरागी, विनोद राय सहित अन्य पुराने नेताओं की कांग्रेस में वापसी हुई। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि हर जिले में पुराने दिग्गज कांग्रेस नेताओं के परिवार की सुध ली जाए। सियासत में सक्रिय रहे उनके परिजनों को कांग्रेस से जोड़ा जाए। इसी रणनीति के तहत जिलेवार सूची तैयार की जा रही है। इस सूची में शामिल पूर्वांचल के तीन पूर्व सांसदों के परिजन जल्द ही कांग्रेस का हाथ थामेंगे।
हर स्तर पर गोलबंदी का प्रयास
पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि दो से ढाई दशक पहले विभिन्न जिलों में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता थे। ये नेता सांसद व विधायक रहते हुए न सिर्फ अपने क्षेत्र में, बल्कि आसपास की विधानसभा सीटों पर भी पकड़ रखते थे। प्रदेश की सियासी फिजा बदली तो इन नेताओं के परिजनों ने भी ठौर बदल लिया। कोई भाजपा में है तो कोई सपा व बसपा में सियासी पारी खेल रहा है। अब इन्हें गोलबंद कर उनके साथ मौजूद वोटबैंक को अपने पाले में किया जा सकता है। इससे पार्टी के पक्ष में सियासी माहौल बनेगा।
पार्टी के दरवाजे सदैव खुले
पार्टी के पुराने नेताओं की घर वापसी कराई जा रही है। जो नेता अब इस दुनिया में नहीं है, उनके कृतित्व को भुलाया नहीं जा सकता है। उनके परिजनों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं। हम एक-एक वोट को जोड़कर पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे। 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी मुख्य धारा में होगी।
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