उ00प्र0 विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए चल रहे सदन सत्र मे लोक निर्माण विभाग मे व्याप्त भ्रष्टाचार व स्थानांतरण का मुद्दा बनाते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के विद्युत अनुरक्षण खंड-2 के लोक निर्माण विभाग मे सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण नीति को दर किनार कर दिया गया है, वहीं विद्युत अनुरक्षण खंड-2 लोक निर्माण विभाग लखनऊ मे जावेद अहमद अवर अभियंता (विधुत) जो कि 38 वर्षो से कार्यरत है तो वही वीरेन्द्र दुबे, अवर अभियन्ता (विद्युत) 37 वर्षों से, सुमन कुमार दुबे, सहायक अभियन्ता (विद्युत) लगभग 18 वर्षों से, देवेन्द्र कुमार यादव, अवर अभियन्ता (विद्युत) लगभग 12 वर्षों से, शिव कुमार, अवर अभियन्ता (विद्युत) लगभग 12 वर्षों से, सन्तोष कुमार यादव, अवर अभियन्ता, विद्युत) लगभग 12 वर्षों के अधिक समय से तैनात हैं। इसके विपरीत जो अवर अभियन्ता लगभग सात-आठ वर्ष से तैनाती होते उन्हें लखनऊ मण्डल से बाहर स्थानान्तरित कर दिया जाता है। जबकि विद्युत अनुरक्षण खण्ड-2, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ में लगभग 16 से 38 वर्षों से तैनात अवर अभियन्ताओं, सहायक अभियन्ताओं के स्थानान्तरण करने में शासनादेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। वही वर्ष 2023 में कुछ सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता का स्थानान्तरण जून, 2023 में किया गया, परन्तु स्थानान्तरित उक्त सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता की अधिशासी अभियन्ता एवं विभागीय अधिकारियों में ऊँची पकड़ होने के कारण कई माह व्यतीत हो जाने के उपरान्त अभी तक उन्हें कार्ययुक्त नहीं किया गया है। जिससे विभाग में हो रहे उक्त कृत्य भ्रष्टाचार को इंगित करता है। जिसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारी शाहित शासन से की गयी लेकिन अभी तक कोई ठोस दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई। जिससे विभाग के अन्य अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। जो सरकार के मंशा के विपरीत है। वही विधान परिषद सदस्य रामसूरत राजभर ने सदन में अपनी मांगों को रखते हुए विद्युत अनुरक्षण खंड 2 के लोक निर्माण विभाग लखनऊ के सरकार द्वारा निर्गत स्थानांतरण के शासनादेशो को पालन सुनिश्चित करने की मांग की है
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