नवंबर में राज्य सरकार ने बंद पड़े सिनेमाघरों को बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स में तब्दील करने की अनुमति दे दी थी। प्रदेश में करीब 800 सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो चुके हैं और लगभग 150 बंद होने के कगार पर हैं।
राज्यकर विभाग ने पुराने सिनेमाघरों की जगह मॉल बनाने की अनुमति के साथ एक नियम भी जोड़ दिया है। ऐसे प्रत्येक सिनेमाघर मालिक को राज्यकर विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। साथ ही शहर की महायोजना के अनुसार निर्माण की अनुमति संबंधित विभाग देगा।
गौरतलब है कि नवंबर में राज्य सरकार ने बंद पड़े सिनेमाघरों को बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स में तब्दील करने की अनुमति दे दी थी। प्रदेश में करीब 800 सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो चुके हैं और लगभग 150 बंद होने के कगार पर हैं। सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर ज्यादातर शहर के पुराने सघन इलाकों में स्थित हैं। अब ऐसे सिनेमा हॉल की जमीन पर मास्टर प्लान में निर्धारित भू उपयोग के आधार पर बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स बनाया जा सकेगा। नक्शा पास करने से पहले राज्यकर विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।
ये फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि सिनेमाघरों के बंद होने के बावजूद जमीन का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। खरबों रुपये की जमीन बेकार पड़ी थी, जिससे कारोबारी के साथ-साथ सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था।
बृहस्पतिवार देर शाम अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने राज्य कर आयुक्त और सभी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों को पत्र लिखकर बंद सिनेमाघरों को तोड़ने की अनुमति देने के निर्देश जारी कर दिए। सिनेमाघर तोड़ने से पहले राज्यकर अधिकारी नो ड्यूज सर्टिफिकेट और एनओसी देंगे। एनओसी मिलने के बाद ही पुराने सिनेमाघरों को तोड़कर नए भवन में तब्दील किया जा सकेगा।
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