एनडीए में शामिल अपना दल (एस) इस बार सीट बढ़ाने को लेकर दबाव बनाए है। खास तौर से प्रतापगढ़ और अंबेडकर नगर पर। पिछले दिन अनुप्रिया ने इन दोनों जिलों में दो बड़े कार्यक्रम कर संकेत भी दिए थे। इसके बाद से ही सपा ने इन दोनों सीटों के अलावा कुर्मी बहुल सीटों पर फोकस कर दिया है।
पिछली बार की तुलना में 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना दल (एस) अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। पार्टी की कुर्मी बहुल जिन सीटों पर नजर है, उन पर सपा भी कुर्मी समाज के प्रभावशाली नेताओं को उतारकर अपना दल के लिए चुनौती खड़ी करने की रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि सपा के सियासी दांव की काट के लिए अपना दल ने भी उन सीटों के लिए खास रणनीति तैयार की है।
प्रदेश में यादव के बाद दूसरी बड़ी ओबीसी आबादी कुर्मी समाज की है। इसलिए कुर्मी बहुल कुछ सीटों पर इस समाज को साधने के लिए सपा और अपना दल (एस) तैयारी कर रहे हैं। अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल जहां खुद इस समाज का बड़ा चेहरा हैं। वे खुद अपनी बिरादरी को सहेजने में जुटी हैं। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल को आगे कर कुर्मी वोट बैंक साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक एनडीए में शामिल अपना दल (एस) इस बार सीट बढ़ाने को लेकर दबाव बनाए है। खास तौर से प्रतापगढ़ और अंबेडकर नगर पर। पिछले दिन अनुप्रिया ने इन दोनों जिलों में दो बड़े कार्यक्रम कर संकेत भी दिए थे। इसके बाद से ही सपा ने इन दोनों सीटों के अलावा कुर्मी बहुल सीटों पर फोकस कर दिया है। कहा जा रहा है कि सपा भी प्रतापगढ़ और अंबेडकर नगर सीट पर प्रभावशाली कुर्मी नेता को लोस चुनाव में उतार सकती है। ऐसे में अगर ये दोनों सीटें अनुप्रिया के खाते में जाती हैं तो उन्हें यहां सपा से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
कुर्मी वोट बैंक पर इसलिए सपा की नजर
सपा सबसे मजबूत मुस्लिम वोट बैंक के खिसकने के अंदेशे को देखते हुए अब पिछड़ी जाति को अपने पाले में लाने को बेताब है। इसलिए पार्टी यादव समाज के बाद दूसरी सबसे बड़ी पिछड़ी आबादी के तौर पर कुर्मी वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति पर काम शुरू किया है। प्रदेश में कुर्मी मतदाताओं की संख्या करीब 6% है, जो कुल ओबीसी आबादी का 35% है। प्रदेश में लोकसभा की 14 सीटें ऐसी हैं, जहां कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। इनमें मिर्जापुर, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, जालौन, सोनभद्र, फतेहपुर, कौशांबी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बाराबंकी, एटा, बरेली, लखीमपुर शामिल हैं।
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