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आजमगढ़ जिला अस्पताल में खांसी की सिरप गायब, बुखार और एलर्जी के सीरप से चला रहे काम

जिला अस्पताल में पूरे जिले से मरीज पहुंचते हैं। चिकित्सकों द्वारा उनका इलाज भी किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता का दावा किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों को बाहर से ही दवा लेनी पड़ती है।
ठंड का मौसम शुरू होते ही बच्चे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, निमोनिया आदि बीमारियों से ग्रसित होकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में बच्चों की अन्य बीमारियों के इलाज के लिए सीरप तो मौजूद है, लेकिन खांसी की सिरप नहीं है। बुखार और एलर्जी के सिरप से काम चलाया जा रहा है।
जिला अस्पताल में पूरे जिले से मरीज पहुंचते हैं। चिकित्सकों द्वारा उनका इलाज भी किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता का दावा किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों को बाहर से ही दवा लेनी पड़ती है। वर्तमान में जिला अस्पताल में बच्चों की ओपीडी में बीमार बच्चों की भारी भीड़ उमड़ रही है। वर्तमान में पांच चिकित्सक मौजूद हैं।
एक चिकित्सक डा. एसके बिमल प्रतिदिन 35 से 40 बच्चों को देखते हैं। वहीं अन्य चिकित्सक प्रतिदिन 20 से 25 बीमार बच्चों को देखते हैं। इस प्रकार प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे बीमार होकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों द्वारा बच्चों का इलाज तो किया जा रहा है, लेकिन वर्तमान में जिला चिकित्सालय में बच्चों के खांसी की दवा नहीं है। खांसी की दवा न होने के कारण बच्चों को बुखार और एलर्जी की दवा देकर काम चलाया जा रहा है।
जिला अस्पताल में बच्चों की मौजूद दवाएं
लिवोसिट्रीजिन
लिवो साल बूटा माल सिरप
एमाक्सी सीबी सिरप
सिफजेक्सीन सिरप
पैरासिटामोल सिरप
एजीयोमाइसिन सिरप
डायसाइक्लोमिन सिरप
सोडियम बालपो एट
डॉ. एसके विमल ने बताया कि वर्तमान में सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, पतली दस्त, निमोनिया, अस्थमा से पीड़ित मरीज आ रहे हैं।
बरतें ये सावधानी
बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं।
ठंडी चीजों से बच्चों को रखें दूर।
जूता मोजा और टोपी को पहनाकर रखें।
सुबह और शाम को फल न खिलाएं।
गरम खाना खिलाएं।
क्या कहते हैं अधिकारी
बच्चों की खांसी का सिरप अस्पताल में नहीं हैं। हमें इसकी जानकारी नहीं है। अगर नहीं है तो मंगाया जाएगा, ताकि बीमार बच्चों का सही तरीके से इलाज हो सके।

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