सीएम योगी और राजभर के बीच राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने समेत कई मुद्दों के अलावा मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हुई है। मुलाकात के बाद ही राजभर ने दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है।
सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद एक बार फिर से प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी से मिलने के बाद अब राजभर जल्द ही दिल्ली जाएंगे। वहां पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही यूपी और बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर अंतिम तौर पर चर्चा करेंगे। भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ राजभर की बैठक 30 या 31 दिसंबर को हो सकती है।
शुक्रवार को सीएम योगी और राजभर के बीच राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने समेत कई मुद्दों के अलावा मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा हुई है। मुलाकात के बाद ही राजभर ने दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के बाद ही राजभर ने दिल्ली से संपर्क साधा। उनकी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात हुई तो उन्होंने 30 या 31 दिसंबर में किसी एक दिन बुलाने की बात कही है। इस आधार पर अब माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर छाई धुंध साफ हो सकेगी। सूत्रों के मुताबिक राजभर मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही यूपी और बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर भी अंतिम फैसला इसी बैठक में करना चाहते हैं।
सूत्रों का कहना है कि राजभर यूपी के साथ ही बिहार में भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा नेतृत्व के सामने यूपी में तीन और बिहार की दो सीटों पर दावेदारी पेश की है। यूपी में चंदौली, गाजीपुर, बलिया, सलेमपुर और मऊ में से कोई तीन सीटें मांगी हैं। वहीं बिहार में काराकाट, सिवान, बाल्मीकि नगर और नवादा सीट पर दावा पेश किया है। सूत्रों के मुताबिक सुभासपा को यूपी में दो और बिहार में एक सीट दिए जाने को लेकर सहमति भी बन चुकी है। सीटें इस बार की बैठक में तय होंगी।
राजभर अब दिल्ली से ही कराना चाहते हैं अंतिम फैसला
एनडीए में शामिल होने के बाद से राजभर को योगी कैबिनेट में शामिल करने की चर्चाएं होती रही हैं। राजभर भी कई बार इस बारे में तारीखों की घोषणा कर चुके थे। इसके बावजूद अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया। माना जा रहा था कि मप्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद विस्तार होगा, लेकिन इसके अभी तक कोई संकेत नहीं मिले हैं। ऐसे में राजभर अब दिल्ली जाकर ही इस पर अंतिम फैसला कराना चाहते हैं।
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