आज़मगढ़आजमगढ़उत्तर प्रदेशखेलटेक्नोलॉजीदेशमनोरंजनराजनीतिविदेशस्वास्थ

शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले में सरकार ने दिए जांच के आदेश

राज्यसभा सांसद बृजलाल ने भर्ती में नियमों की अनदेखी को लेकर उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कार्यपरिषद में भी आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व न होने की बात कही थी।
केजीएमयू की शिक्षक भर्ती में विवाद का मामला फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है। भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी के आरोप पर सांसद बृजलाल के पत्र पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए हैं।
केजीएमूय ने बीते साल जुलाई में 141 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके साथ ही आरक्षण और रोस्टर को लेकर विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि विज्ञापन में आरक्षित पदों को बैकलॉग के बजाय सामान्य रूप से भरा जा रहा है। इससे आरक्षित वर्ग के हितों की अनदेखी हो रही है। यह मामला विधानसभा में भी उठा। इसके बाद साक्षात्कार के बावजूद लिफाफे नहीं खोले गए। अब सरकार ने भी धारा 13 के तहत जांच के आदेश कर दिए हैं। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया फिलहाल पूरी होती नहीं दिख रही है।
कार्य परिषद में भी आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं
सांसद ब्रजलाल ने केजीएमयू की कार्यपरिषद में भी आरक्षित वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने की बात कही है। इससे अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों का हनन हो रहा है। सांसद ने जांच के लिए गठित समिति में भी आरक्षित वर्ग के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button