जीएसटी की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक, तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को 1 अप्रैल से जीएसटी अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीन का भी रजिस्ट्रेशन करना होगा. अगर तंबाकू प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी जीएसटी अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीनरी को रजिस्टर्ड करने में विफल रहती है तो उसको 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
बिल में संशोधन के बाद लिया फैसला
सरकार के इस कदम का उद्देश्य तंबाकू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रेवेन्यू लीकेज (curb revenue leakage) को रोकना है.
फाइनेंस बिल, 2024 ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि वहां पर रजिस्टर्ड नहीं होने वाली प्रत्येक मशीन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए शुरू हुआ था प्रोसेस
जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर, टैक्स अधिकारियों ने पिछले साल तंबाकू मैन्युफैक्चर्स द्वारा मशीनों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक स्पेशल प्रक्रिया शुरू की थी. इन मशीनों की पैकिंग क्षमता के साथ मौजूदा पैकिंग मशीनों, नई स्थापित मशीनों का विवरण फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में करना होता है. हालांकि, पिछले साल इसके लिए किसी भी तरह की पेनाल्टी के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी.
आखिर क्यों कराया जा रहा रजिस्ट्रेशन?
रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद ने पिछली बैठक में फैसला लिया था कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों के लिए उनकी मशीनों का रजिस्ट्रेश होना चाहिए ताकि हम उनकी प्रोडक्शन कैपिसिटी पर नजर रख सकें.
मल्होत्रा ने मीडिया को बताया कि वहीं, पिछले साल तक रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर किसी भी तरह की पेनाल्टी नहीं लगाई जा रही थी. फिलहाल इस बार परिषद ने फैसला लिया है कि इसके लिए कुछ पेनाल्टी होना चाहिए. इस वजह से ही अब रजिस्ट्रेशन न कराने वालों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है. पिछले साल फरवरी में जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा कारोबार में टैक्स चोरी रोकने पर राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दी थी.
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