कोर्ट ने कहा है कि याचियों ने उत्तर कुंजी पर आपत्ति की है या नहीं, इसके आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता। सभी याचियों को राहत पाने का अधिकार है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपीटीईटी परीक्षा 2021 के दो गलत सवालों के एवज में सभी 230 अभ्यर्थी याचियों को ग्रेस मार्क देकर एवं यूपी टीईटी 2019 के दो सवालों को लेकर 727 अभ्यर्थी याचियों को एक अंक देकर नए सिरे से परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने अन्य सवालों को लेकर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचियों ने उत्तर कुंजी पर आपत्ति की है या नहीं, इसके आधार पर विभेद नहीं किया जा सकता। सभी याचियों को राहत पाने का अधिकार है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने टीईटी 2021 के 230 अभ्यर्थी प्रगति अग्रवाल व 15 अन्य याचिकाओं व टीईटी 2019 के 727 अभ्यर्थी अखिलेश व 14 अन्य याचिकाओं को आंशिक मंजूर करते हुए दिया है।
याचियों का कहना था कि मोहम्मद रिजवान केस में जिन सवालों को लेकर कोर्ट में गलती पाई गई थी और ग्रेस मार्क देने का आदेश हुआ था, उन्ही सवालों को 2021 की परीक्षा में शामिल किया गया है। इसलिए उन्हें भी वैसी ही राहत पाने का हक है।
सरकार की तरफ से कहा गया कि सवाल विशेषज्ञ तय करते हैं और कोर्ट विशेषज्ञ नहीं हो सकती। दूसरा जिन याचियों ने उत्तर कुंजी पर आपत्ति नहीं की है उन्हें राहत पाने का हक नहीं है। पिछली परीक्षा के गलत सवाल इस परीक्षा में दोबारा लिए गए हैं, इस गलती को सरकार की तरफ से स्वीकार किया गया। जो सवाल पिछली परीक्षा में क्रमांक 16 व 131 पर थे वहीं इस 2021 की परीक्षा में 8 व 141 क्रमांक पर हैं। कोर्ट ने दोनों प्रश्नों के ग्रेस मार्क देने का निर्देश दिया है।
2019 की परीक्षा में प्रश्न 83 व 144 सही नहीं पाए गए थे। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रणविजय सिंह केस के आधार पर एक एक अंक देने का निर्देश दिया है। अन्य सवालों पर पर्याप्त संदेह न होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
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