आरपीएफ दरोगा की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। नहाने के बाद कपड़े फैलाने के लिए बांधे गए लोहे के तार पर तौलिया फैलाने लगे, इस तार बगल से निकली बिजली की केबल में हल्का कट होने से लोहे के तार में करंट आ गया, तेज झटका लगने से वह फर्श पर गिर गए। सहकर्मियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
रेलवे स्टेशन परिसर की बैरक में नहाने के बाद आरपीएफ दारोगा ने गीला तौलिया तार में फैला दिया। करंट लगने से उनकी हालत बिगड़ गई। सहकर्मियों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जौनपुर जिले के उमरी बदलापुर के मूल निवासी आरपीएफ उपनिरीक्षक जयचंद्र शर्मा (48) इस समय उन्नाव के गंगाघाट स्टेशन स्थित आरपीएफ चौकी में इंचार्ज के पद पर तैनात थे। उनका परिवार लखनऊ के आलमबाग के विश्वेश्वर नगर में रह रहा है।
1994 बैच के एएसआई जयचंद्र, अक्तूबर 2021 में पदोन्नति के बाद उन्नाव में एसआई बने थे। वह उन्नाव जंक्शन की रेलवे बैरक में अन्य कर्मियों के साथ रहते थे। शनिवार सुबह नौ बजे वह नहाने के बाद कपड़े फैलाने के लिए बांधे गए लोहे के तार पर तौलिया फैलाने लगे, इस तार बगल से निकली बिजली की केबल में हल्का कट होने से लोहे के तार में करंट आ गया, तेज झटका लगने से वह फर्श पर गिर गए। बैरक में मौजूद अन्य कर्मियों ने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
आरपीएफ प्रभारी हरीश कुमार ने परिजनों को सूचना दी। बड़े भाई संत प्रकाश शर्मा व अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। पत्नी पूनम शर्मा, मां फूला देवी रो-रोकर बेहाल हैं। एक बेटा शिवम है, जो हापुड़ से एमबीएस कर रहा है। दारोगा जयचंद्र चार भाइयों में सबसे छोटे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट से मौत की पुष्टि हुई। जिसमें सीने और बाएं पैर में करंट लगने के निशान मिले हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर हरीश कुमार ने बताया कि जांच कराई जा रही है कि तार में करंट कैसे और कहां उतरा है।
आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट चिंचवाड़े दोपहर उन्नाव जंक्शन पहुंचे। यहां उन्होंने ने जिस बैरक में दारोगा रह रहे थे, उसको देखा। इसके बाद नहाने के बाद जिस तार पर कपड़े फैला रहे थे, उसको देखा और फोटो भी ली। इसके बाद उन्होंने रेलवे कॉलोनी और आरपीएफ की सभी बैरक का निरीक्षण किया।
Back to top button