पिता की कैंसर से मौत हुई तो परिवार की जिम्मेदारी बेटी पर आ गई। बीएससी पास निकिता परिवार के पालन के लिए ई-रिक्शा चलाने को मजबूर है। निकिता ने सरकार के सामने यह मांग रखी है।
पिता की कैंसर से मौत के बाद बेटी निकिता ई-रिक्शा को चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रही है। पिता की मौत के बाद जब परिवार की किसी ने मदद नहीं की तो उसे खुद ही पापा की ई-रिक्शा को लेकर सड़क पर उतरना पड़ा। वह प्रतिदिन 500-600 रुपये कमाती है।
बिजनौर जनपद के धामपुर थाना क्षेत्र के गांव सरकथल नवादा निवासी वीरेंद्र सिंह प्रजापति की तीन बेटियों में निकिता बिचली बेटी है।
22 वर्षीय निकिता प्रजापति का कहना है कि वह देवता महाविद्यालय से बीएससी पास है। पिता कैंसर से पीड़ित थे, जिनकी सात महीने पहले मौत हो गई। वह तीन बहनें और एक छोटा भाई है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। परिवार में बड़ा होने के नाते उसके ऊपर ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी आ गई।
बताया कि जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो उसने अपने पापा की ई-रिक्शा को चलाकर परिवार का आर्थिक भोज उठाने का निर्णय लिया। अब पापा ई-रिक्शा चलाकर वह अपने परिवार की गुजर बसर कर रही है।
निकिता ने बताया कि पापा बीमारी के चलते ई-रिक्शा को बेचना चाहते थे, लेकिन उन्होंने घर की गरीबी को देख ई-रिक्शा को नहीं बेचने दिया। वह दिनभर ई-रिक्शा चला कर 500-600 रुपये कमा रही है। माता सुनीता देवी ग्रहणी हैं।
निकिता प्रजापति कहती हैं कि सरकार किसी विभाग में संविदा, आउटसोर्सिंग में अन्य माध्यम से नौकरी दे दे तो उसका और उसके परिवार का भला हो जाए। वह गांव से आकर दिनभर धामपुर में ई-रिक्शा चलती है और शाम को अपने घर जाती है।
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