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यूपी में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी, एक तिहाई पद खाली 

एसीएस-प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के एक-तिहाई पद खाली

उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी है। एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के एक-तिहाई पद खाली पड़े हैं। अनुरोध के बाद भी केंद्र सरकार से अभी तक समाधान नहीं मिला है।

यूपी में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी है। अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के करीब एक तिहाई पद खाली हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक आईएएस अधिकारियों का राज्य का कोटा पूरा करने के लिए कई बार केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं मिल सका है।

प्रदेश में अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव स्तर के कई आईएएस अधिकारियों के पास एक से ज्यादा विभागों का चार्ज है। यहां अपर मुख्य सचिव स्तर के 16 पद हैं। इन पदों के सापेक्ष अभी 11 अधिकारी ही उपलब्ध हैं। इनमें भी अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे इसी महीने अगस्त में और नितिन रमेश गोकर्ण सितंबर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

तीसरे अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के भी शीघ्र ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की संभावना है, क्योंकि उनके केंद्र में जाने के लिए यूपी सरकार ने एनओसी दे दी है। यूपी में प्रमुख सचिव स्तर के 36 पद स्वीकृत हैं। इनके सापेक्ष 29 अधिकारी उपलब्ध हैं।

इसी तरह सचिव स्तर के 96 पदों के सापेक्ष 58 अधिकारी हैं। अपर मुख्य सचिव, सचिव और सचिव स्तर के कुल 148 पद स्वीकृत हैं। इनके मुकाबले 98 अधिकारी ही उपलब्ध हैं। 

कनिष्ठ स्तर के आईएएस अधिकारियों की संख्या भी शामिल कर लें तो यूपी कैडर के 652 आईएएस अधिकारी होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में यहां 560 अधिकारी ही हैं। इनमें वर्ष 2022 बैच के 14 और 2023 बैच के 16 अधिकारी भी शामिल हैं। यानी कुल स्वीकृत संख्या के मुकाबले 92 अधिकारियों की कमी है।

वर्ष 1990 से 2005 के बीच यूपी को मिले कम अफसर

शासन के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 1990 से 2005 तक यूपी को बहुत ही कम आईएएस अफसर दिए गए। इसके चलते इस कैडर के वरिष्ठ अधिकारियों की कमी हो गई है। 

वर्ष 1991 में पांच, 1992 में दो, 1993 में तीन, 1994 में चार, 1997 में पांच, 1998 में सात, 1999 में छह, 2001 में चार, 2002 में छह और वर्ष 2005 में पांच आईएएस अधिकारियों को ही यूपी कैडर अलाट किया गया। 

अलबत्ता वर्ष 2011 से इसमें सुधार हुआ और यूपी को औसतन 16-20 अधिकारी मिलने लगे। अफसरों की कमी के चलते यूपी कैडर के अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कम हैं। नियमानुसार इनकी संख्या 141 होनी चाहिए, जोकि 25-30 पर ही अटकी हुई है।

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