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फ्रांस की सेलाडा बनीं सुल्तानपुर के गांव की बहू

बौद्ध रीति-रिवाज से की शादी, जानें- कैसे परवान चढ़ा प्रेम

फ्रांस की सेलाडा को गोल्ड मेडलिस्ट शुभांकर से प्रेम हो गया तो भारत आकर शादी रचा ली। दोनों सारनाथ में बौद्धिक रीति रिवाज से परिणय सूत्र में बंध गए।
सुल्तानपुर के भदैंया में अत्यंत गरीब परिवार में जन्मे पखरौली गांव निवासी गोल्ड मेडलिस्ट शुभांकर पर फ्रांस की अंग्रेजी गर्ल फिदा हो गई। दोनों का प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि दोनों जीवन भर के लिए एक-दूसरे के हो गए। बीते दिनों अपने परिजनों के साथ फ्रांस से इंडिया पहुंची सेलाडा ने शुभांकर के साथ सारनाथ में बौद्ध रीति-रिवाज से शादी रचा ली।
भदैंया ब्लॉक के पखरौली गांव निवासी पुस्तक विक्रेता राजेश कुमार व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुशीला देवी के छोटे पुत्र शुभांकर गौरीगंज नवोदय विद्यालय के टॉपर हैं। शुभांकर ने विश्व भारती यूनीवर्सिटी पश्चिम बंगाल से फाइन आफ ऑर्ट में परास्नातक की डिग्री ली। फाइन ऑफ ऑर्ट में ऑल इंडिया पहली रैंक लाने पर शुभांकर को छात्रवृत्ति मिली और वह 2020 में फ्रांस पढ़ाई करने चले गए।
पढ़ाई पूरी होने के बाद वह वहीं नौकरी करने लगे। वहीं, शुभांकर की नीना सेलाडा से मुलाकात हुई और दोनों में दोस्ती हो गई और फिर दोनों ने शादी रचाने का निश्चय कर लिया। बीते पखवाड़े नीना सेलाडा अपनी मां वेरोनिका व अन्य सगे-संबंधियों के साथ भारत आ पहुंची। बुधवार को सेलाडा ने शुभांकर प्रकाश भारतीय के साथ सारनाथ में बौद्ध रीति-रिवाज से शादी रचाई। शादी की रश्में सुल्तानपुर के युवा कवि एवं बौद्धाचार्य शरद कुमार बौद्ध ने पूरी कराई।
नवविवाहित जोड़े को शुभांकर के पिता राजेश कुमार, माता सुशीला देवी, भाई डॉ. रवींद्र प्रकाश भारतीय, एआरटीओ देवमणि भारतीय, दयाराम बौद्ध, प्रो. बृजेश अस्थावल, शैलेंद्र भीम आदि ने आशीर्वाद दिया है। पूरे गांव में लोग विदेशी बहू के आने का इंतजार कर रहे हैं। बृहस्पतिवार शाम नवदंपति सारनाथ से सड़क मार्ग से पखरौली के लिए रवाना हो गए।

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