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आजमगढ़: जामतारा गैंग संग मिलकर करते थे ठगी, दो अरेस्ट, करोड़ों रुपये का लगाया है चूना

फर्जी खातों में भेजते थे रकम

आजमगढ़ की पुलिस ने इन शातिरों की तलाश काफी दिनों से थी। साइबर के कई अपराधों में इनकी संलिप्तता है। शातिर तरीके से ये लोगों को ठगते थे। पैसे का बंटवारा कर उसका एक हिस्सा जामतारा गैंग को भेज देते थे।

आजमगढ़ कप साइबर क्राइम पुलिस ने फर्जी पतों पर बैंक खाता खुलवाकर अंतर्राज्यीय साइबर ठग गैंग के सहयोगी को जिले के चेक पोस्ट तिराहा से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए दोनों आरोपी झारखंड के जामतारा के साइबर अपराधी दाऊद व जमीरुद्दीन अंसारी के गैंग से जुड़कर करीब दो करोड़ 74 लाख रुपये की साइबर ठगी किए थे।

पुलिस ने उनके कब्जे से तीन मोबाइल, पांच एटीएम कार्ड व अन्य कागजात बरामद किए हैं। वहीं इस मामले में तीन अभियुक्त फरार चल रहे हैं।

साइबर क्राइम थाने पर पुलिस को 25 अगस्त को शिकायत मिली थी कि आजमगढ़ के कुछ व्यक्ति जामतारा (झारखंड) के साइबर अपराधियों के साथ मिलकर नकली पते पर फर्जी खाता खुलवाकर मोबाइल नंबरों की फीडिंग कराकर साइबर फ्रॉड का पैसा खाते में मंगवाते हैं। इसके बाद पैसों को एटीएम कार्ड से निकालकर कमीशन का 25 प्रतिशत पैसा अपने पास रखते हैं। बाकी पैसा जामतारा गैंग के विभिन्न बैंक खाते में भेज देते हैं। 

आजमगढ़ पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई

उक्त शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक अपराध शुभम अग्रवाल के पर्यवेक्षण में तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुए साइबर क्राइम टीम द्वारा लोकेशन के आधार पर प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम विमल प्रकाश राय ने चेक पोस्ट तिराहा (रानी की सराय) से अभियुक्त मो. फैसल निवासी गोठांव थाना बरदह व कुलदीप गौतम निवासी नंदनगर थाना निजामाबाद को गिरफ्तार कर लिया। 

इनके तीन अन्य साथी पुलिस को देखकर मौके से फरार हो गए। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से तीन मोबाइल फोन, दो पैनकार्ड, पांच आधार कार्ड, आधार कार्ड की एक छाया प्रति व भिन्न-भिन्न खातों की ट्रांजेक्शन सूची (कुल 29 बैंक खातों से दो करोड़ 74 लाख 14 हजार 695 रुपये के ट्रांजेक्शन का विवरण अंकित हैं।) पांच एटीएम कार्ड, दो एटीएम किट डाक्यूमेंट, एक ड्राइविंग लाइसेंस, एक ई-श्रम कार्ड बरामद हुआ।

खाता धारकों को प्रति खाता तीन से चार हजार रुपये देते थे ठग

पकड़े गए साइबर ठगों ने बताया कि वह पांचों मिलकर साइबर फ्रॉड करते हैं। उक्त गैंग का लीडर दाऊद व जमीरुद्दीन अंसारी हैं, जो जामतारा (झारखंड) का रहने वाला है। ऐसे व्यक्ति जिनको पैसों की आवश्यकता होती है, उन्हें लालच देकर उनके आधार कार्ड में फर्जी नाम, पता व मोबाइल नंबर फीड कराकर, उसकी मदद से बैंकों में खाते खुलवाए जाते थे।

खाताधारकों को प्रति खाता तीन से चार हजार रुपये दिए जाते हैं। उनके एटीएम कार्ड, चेकबुक लेकर फ्रॉड के रुपये का लेन-देन किया जाता है। दाऊद ने फैसल के साथ मिलकर कुलदीप और मुन्नी लाल के आधार कार्ड में फर्जी मोबाइल नंबर व फर्जी पते की फीडिंग करवा कर नकली पते पर कई सिम कार्ड और लगभग 16 खाते खुलवाएं हैं।

साइबर फ्रॉड के रुपये जामतारा गैंग के साइबर ठगों से दाऊद ही मंगवाता है। फैसल, अफसर व दाउद मिलकर कुलदीप और मुन्नीलाल के खातों के एटीएम कार्ड से पैसे निकाल, अपना कमीशन (25 प्रतिशत) काटने के बाद शेष पैसा दाऊद व जामतारा गैंग के साइबर ठगों द्वारा बताए गए जामतारा (झारखंड) के विभिन्न बैंक खाते में जमा कर देते थे।

अभियुक्तों ने जामतारा गैंग के साइबर ठगों के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों के आम जनमानस को कॉल करके ऑनलाइन साइबर ठगी किए हैं। साइबर ठगी से प्राप्त रुपयों को वह सब लोग आपस में बांट लेते हैं।

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