अखिलेश और योगी बयानों के जरिए आमने-सामने आ गए हैं। सीएम ने 2017 के पहले के यूपी पर सवाल उठाया तो अखिलेश ने इस पर तीखा पलटवार किया।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बयानों के जरिए आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ही नेताओं ने बुलडोजर, भेड़िए और डीएनए पर आरोप-प्रत्यारोप किए। मामला निजी हमलों तक पहुंच गया। योगी ने बहराइच के भेड़िए की तुलना 2017 के पहले यूपी में चल रही प्रदेश की सरकार से की इस पर अखिलेश ने पलटवार किया।
2027 में प्रदेश में मची थी लूट, भेड़िए जैसा था आतंक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2017 के पहले जो लोग प्रदेश में लूट-खसोट मचाए थे, आज जब उनके सपनों पर पानी फिर चुका है तो अब टीपू भी सुल्तान बनने चले हैं। कई साल पहले एक धारावाहिक आया था, मुंगेरीलाल के हसीन सपने। आज ये भी वही सपने देख रहे हैं। जब जनता ने इन्हें अवसर दिया था तब इन्होंने प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी। यहां के युवाओं के सामने, व्यापारियों के सामने, उद्यमियों के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था।
सीएम बुधवार को लोक भवन में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1334 अवर अभियंता, संगणक व फोरमैन को नियुक्ति पत्र देने के बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज आपको प्रतिभा और क्षमता से नियुक्ति मिली है। इसके बाद भी यदि कोई बैरियर बनेगा तो उस बैरियर को हम हटाएंगे। जो लोग फिर भी बेईमानी और भ्रष्टाचार करेंगे उनकी संपत्ति को कुर्क करके गरीबों में बांटने का भी काम करेंगे।
सबके हाथ नहीं बैठ सकता बुलडोजर
सीएम ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बुलडोजर पर सबका हाथ फिट नहीं हो सकता। इसके लिए दिल और दिमाग दोनों चाहिए। बुलडोजर चलाने के लिए बुलडोजर जैसी इच्छा शक्ति व क्षमता चाहिए। दंगाइयों के सामने नाक रगड़ने वाले लोग बुलडोजर नहीं चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज यहां नियुक्ति पाने वालों में हर जिले का प्रतिनिधित्व दिखता है। न जाति का भेद, न क्षेत्र का। केवल प्रतिभा और आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए प्रतिभाशाली युवाओं को नियुक्ति मिली है।
वहीं, पहले जनता ने जिन लोगों को अवसर दिया था उन्होंने अपनी अराजक और भ्रष्टाचारी गतिविधियों से प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया। फिर प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का काम किया। पहले जाति-जाति को लड़ाया, फिर मत और मजहबों को आपस में लड़ाने का काम किया। आज यह लोग फिर से अपना रंग रोगन बदलकर नए रूप में प्रदेश की जनता को गुमराह करना चाहते हैं। इनके बहकावे में न आएं। जिस निष्पक्षता व ईमानदारी से आपको नौकरी मिली है, उसे जमीन पर उतारें।
2017 से पहले ऐसे ही था आदमखोर भेड़ियों का आतंक
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि जैसे आज आदमखोर भेड़िया प्रदेश के अंदर कुछ जिलों में उत्पात मचा रहा, 2017 से पहले भी ऐसी ही थी प्रदेश की स्थिति। पहले युवाओं को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिलता था, क्योंकि इनकी नीयत साफ नहीं थी। चाचा और भतीजे में वसूली को लेकर होड़ रहती थी कि कौन कितना वसूल करेगा। क्षेत्र बंटे हुए थे। महाभारत के सभी किरदार यहां थे। जो आज बोल रहे हैं, इन्हें भी अवसर मिला था। किंतु इन्होंने कुछ किया नहीं।
पहले वेतन के नहीं थे पैसे, आज रेवेन्यू सरप्लस राज्य
सीएम योगी ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से कहा कि जनता से जुड़े हुए कोई भी काम में देर नहीं होनी चाहिए। जब हम लोग सरकार में आए थे तब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश 14वें नंबर पर था और आज हम अचीवर स्टेट हैं। यह वही प्रदेश है जहां वेतन देने के लिए पैसा नहीं था, लेकिन आज हम रेवेन्यू सरप्लस स्टेट हैं। विकास के लिए किसी भी प्रकार के राजस्व की कोई कमी नहीं है। हर क्षेत्र में बहुमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब तभी कर पा रहे हैं जब प्रदेश के पास पैसा है। भीख मांग के दान नहीं दिया जाता है।
बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, सिर्फ स्टीयरिंग होता है- अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, सिर्फ स्टीयरिंग होता है। जनता या दिल्ली वाले यह स्टीयिरंग कभी भी बदल सकते हैं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें समाजवादियों के डीएनए की बहुत चिंता है, लेकिन वे डीएनए की फुल फॉर्म नहीं बता सकते।
अखिलेश ने प्रदेश सपा मुख्यालय पर संवाददाताओं से कहा कि डीएन की बात करने के बजाय अगर मुख्यमंत्री किसी पॉवर प्लांट का नाम लेते तो बेहतर होता। उन्होंने कहा कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि बुलडोजर नहीं चला सकते। यह असंवैधानिक है। उन्होंने सवाल दागा कि क्या सीएम आवास का नक्शा पास है। अगर पास है तो यह बताया जाए कि कब पास हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार के अहंकार ने अकबरनगर में तो बुलडोजर चलवा दिया, पर उससे आगे रुक गए। क्या कोर्ट का आदेश आने के बाद अब तक चलाए बुलडोजर के लिए माफी मांगेंगे। उन्होंने कहा कि लखनऊ के जिस अवैध होटल में आग लगने से लोगों की जानें गईं, उस पर घोषणा के बावजूद बुलडोजर क्यों नहीं चला। सपा अध्यक्ष ने कहा कि बुलडोजर नाइंसाफी का प्रतीक है। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद सीएम न खुद सो रहे हैं और न ही अधिकारियों को सोने दे रहे हैं।
भाजपा के अंदर के मामले के चलते बढ़ा है बीपी
अखिलेश ने 2017 से पहले यूपी में ”भेड़ियों” के अभी की तरह उत्पात मचाने संबंधी तंज पर कहा कि उस समय लूट थी तो क्या सीएम भी उसमें शामिल थे। उस समय अफसरों ने जिन भर्तियों की प्रक्रिया पूरी की, वे भी उनके आसपास हैं। अखिलेश ने साथ ही व्यंग्य किया कि भाजपा के अंदर मामला चल रहा है, इसलिए बीपी बढ़ा हुआ है। बेहतर रहेगा कि सीएम दिल्ली चले जाएं।
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