आजमगढ़। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज की एक विशेष बैठक शाहगढ़ स्थित मदरसा मोहम्मदिया अशरफिया इस्लामिया के परिसर में समाज के सर्वांगीण विकास और उन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था में भागीदारी को लेकर हुई। इस बैठक में पसमांदा समाज को देश का प्रभावशाली समाज बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने पर गंभीर चर्चा किया गया।
बैठक की अध्यक्षता आलमगीर शाह व संचालन डॉ. शाद अंसारी ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष व जिला योजना समिति सभासद मोहम्मद अफजल ने कहा कि संगठन पिछड़े, दलित, शोषितों के हितों के लिए कार्य कर रही है। अब तक समाज के कुछ विशेष वर्ग द्वारा पिछड़े दलितों का शोषण किया जाता रहा है। मगर मुस्लिम महाज संगठन हक और अधिकारों की लड़ाई के लिए सदैव तत्पर हैं। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को संगठन से जुड़कर अपनी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
बेलाल अहमद इदरिसी ने अपने संबोधन में कहा कि आज जो भी मुसलमान संगठन कौमी एकता का संदेश दे रहे हैं, देश में सबसे खस्ता हाल दबे-कुचले मुसलमानों की ही है। मुस्लिम जनप्रतिनिधियों ने राज्यसभा, लोकसभा व विधान सभा में आरक्षण की मांग को नहीं उठाया। हमें इस विषय में गंभीरता से सोचना होगा।
नसीरुद्दीन अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक हर क्षेत्र में पिछड़ा है। चूँकि इसका नेतृत्व करने वाली शक्तियाँ इसके प्रति ईमानदारी नहीं बरती। यह कर्मवादी सोच के बजाय भाग्यवादी जीवन मूल्यों का शिकार हो गया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से रेयाज अहमद अंसारी, इसरार अहमद अंसारी, मोहम्मद हनीफ, मोहम्मद आशिफ, नदीम खान, मिन्हाज अंसारी, इरशाद अहमद, शोहराब, किस्मत अली, नियाज अहमद अंसारी आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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