यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला, न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने झांसी की समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव, कन्नौज के सुनील कुमार और कानपुर नगर के समाज कल्याण अधिकारी विपिन यादव की ओर से एफआईआर को रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झांसी के पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी (एडीजीसी) संतोष कुमार दोहरे के खिलाफ प्रमुख सचिव गृह, झांसी के डीएम और एसएसपी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर दलित उत्पीड़न के 12 मुकदमे दर्ज कराए और नौ में 21 लाख रुपये अनुदान राशि हासिल की। वहीं, झांसी, कन्नौज और कानपुर नगर के समाज कल्याण अधिकारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला, न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने झांसी की समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव, कन्नौज के सुनील कुमार और कानपुर नगर के समाज कल्याण अधिकारी विपिन यादव की ओर से एफआईआर को रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर दिया है।
मामला झांसी के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र का है। 11 जून 2024 को पंचवटी कॉलोनी निवासी अधिवक्ता संतोष कुमार दोहरे ने अनुदान राशि में धोखाधड़ी करने के आरोप में दो तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी समेत वर्तमान समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि उनकी ओर से दलित उत्पीड़न के दर्ज तीन मामलों में आरोप पत्र लगने के बाद मिलने वाली पूरी अनुदान राशि उन्हें अदा नहीं की गई। तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार , विपिन यादव, मौजूदा समाज कल्याण अधिकारियों और लिपिकों ने अनुदान का गबन किया है। तीनों अधिकारियों की दलील…
तीनों अधिकारियों ने एफआईआर को चुनौती देते हुए दलील दी कि शिकायतकर्ता अनुदान राशि पाने के लिए दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवाने का आदी है। वर्ष 2014 से 2023 के बीच कई के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज करवा चुके हैं। अब तक नौ मुकदमे में 27 लाख से ज्यादा अनुदान राशि हासिल की है। यह सभी मुकदमे इन्होंने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के पद का दुरुपयोग कर दर्ज कराया है।
कोर्ट ने कहा … प्रथम दृष्टया पद के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण
मामले से हैरान कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह एडीजीसी (क्रिमिनल) के पद के दुरुपयोग का ज्वलंत उदाहरण है। लिहाजा, प्रमुख सचिव गृह, झांसी के डीएम और एसएसपी मामले की गहनता से जांच कर उचित कार्यवाही करें। अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को होगी।
Back to top button