सीबीआई को जानकारी मिली थी कि आरडीएसओ के लेखा सहायक (वित्त एवं लेखा) अब्दुल लतीफ, कनिष्ठ लेखा सहायक नासिर हुसैन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से फर्मों के लंबित बिलों का भुगतान करने के लिए रिश्वत लेता है।
सीबीआई ने अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में कार्य करने वाली फर्मों के बिल पास करने के लिए चल रहे रिश्वतखोरी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मंगलवार को आरडीएसओ के लेखा विभाग के तीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों और रिश्वत देने वाली एक कंपनी, दो फर्मों एवं उनके संचालकों पर मुकदमा दर्ज करने के बाद लखनऊ के 5 और नोएडा के 2 ठिकानों पर छापा मारकर अहम सुबूत जुटाए हैं।
दरअसल, सीबीआई को जानकारी मिली थी कि आरडीएसओ के लेखा सहायक (वित्त एवं लेखा) अब्दुल लतीफ, कनिष्ठ लेखा सहायक नासिर हुसैन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से फर्मों के लंबित बिलों का भुगतान करने के लिए रिश्वत लेता है।
अब्दुल लतीफ अपने भाई अब्दुल करीम सिद्दीकी के एचडीएफसी बैंक के खाते में रिश्वत की रकम मंगवाता है। उसने नोएडा की पुरी इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड के लेखाकार विशाल शर्मा से 9.50 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए बीते जनवरी व फरवरी माह में अपने भाई के खाते में पांच किस्तों में रिश्वत के एक लाख रुपये जमा कराए थे।
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