पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में गोदाम मालिक तो फरार हो गया। चार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर गाज गिरी है। 84 केंद्रों का सत्यापन किया गया है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में गर्भवती महिलाओं व कुपोषित बच्चों को मुफ्त बंटने वाले पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया। इसके बाद चार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निलंबित कर दी गईं। नाई की मंडी स्थित जिस गोदाम में पुष्टाहार की दाल व रिफाइंड जब्त की गई थी। उसके मालिक प्रवीण अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
किराना दुकानों पर जानी थी आंगनबाड़ी की दाल व रिफाइंड’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। मंगलवार को मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अमर उजाला की खबर पर प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से जवाब-तलब हुआ।
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शहर में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्येक लभार्थी को वितरित हुए पुष्टाहार की जांच के लिए पांच मजिस्ट्रेट नियुक्त किए। एसडीएम न्यायिक सदर राम सेवक चौधरी, सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान और दो अपर नगर मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को 84 केंद्रों का सत्यापन किया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा ने बताया कि मजिस्ट्रेट जांच में प्रथम दृष्ट्या चार आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका संदिग्ध मिली है। जिसके बाद नाई की मंडी केंद्र की संचालिका मालती शिवहरे, मीरा हुसैनी केंद्र की भारती, मंटोला केंद्र की इंदु शर्मा और नालबंद केंद्र संचालिका कांता शर्मा को निलंबित कर दिया है। इनके यहां करीब 600 लाभार्थी थे।
प्रत्येक लाभार्थी को वितरित हुए पुष्टाहार की जांच होगी। एक-एक लाभार्थी के मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करेंगे। शहर में 500 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। 27 सितंबर तक 167 केंद्रों पर पुष्टाहार का वितरण हुआ था। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन 167 केंद्रों का पुष्टाहार ही नाई की मंडी, कटरा हाथियान के गोदाम में पहुंचा होगा। बाकी केंद्रों का बुधवार को मजिस्ट्रेट सत्यापन करेंगे।
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