आजमगढ़ । जनपद में ऋषि दुर्वाषा की तपोभूमि के लिए विख्यात पवित्र तमसा-मंजूषा तट पर पूर्वांचल महोत्सव का आयोजन किया गया। गुरुवार को तमसा मंजूषा तट पर स्थित दूर्वाषा धाम श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्वलित असंख्य दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। गुरुवार की देर शाम संगम तट पर मां तमसा की आरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आरती में दर्शकों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भक्तिमय गीतों को सुनकर लोग भाव विभोर हो गए।
मुख्य अतिथि स्वास्थ चिकित्सा शिक्षा के राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने को ऋषि दुर्वाषा धाम का स्मृति चिन्ह देकर कलाकारों को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से इस ऋषि दुर्वाषा धाम के तपोस्थली का विकास होगा। इस स्थल के विकास के लिए सरकार कार्य कर रही है। इस स्थल के विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम जरूरी हैं। आज यह पवित्र नदी नाले के रूप में परिवर्तित हो गई है। ऐसे में यहां के लोगों का कर्तव्य है कि साफ सफाई पर ध्यान दें। हर काम सरकार नहीं कर सकती। सभी इस क्षेत्र का जबतक पौराणिक तपोस्थली ऋषि दुर्वाषा का विकास करना जरूरी है। कलाकारों का सम्मान मंत्री जी द्वारा किया गया। इसके बाद तपोस्थली ऋषि दुर्वाषा धाम के पवित्र संगम तट की आरती राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह द्वारा की गई।