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पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर आई खुशखबरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुना दिया ये बड़ा फैसला!

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने और आम जनता को राहत देने के लिए आज वित्त मंत्री ने जरूरी जानकारी दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharama) ने सोमवार को कहा कि अगर जीएसटी परिषद फैसला लेती है तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से
बड़ी प्लानिंग बनाई जा रही है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने और आम जनता को राहत देने के लिए आज वित्त मंत्री ने जरूरी जानकारी दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि अगर जीएसटी परिषद फैसला लेती है तो पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर हुई चर्चा
वित्त मंत्री बजट के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए जयपुर पहुंची थीं, जहां उन्होंने पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel price) की कीमतों, महंगाई, बढ़ती रेपो दरों सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से सवालों के जवाब दे रही थी. वित्त मंत्री ने बताया अपना फैसला पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जा सकता है.
अगर जीएसटी काउंसिल इस पर फैसला लेती है.” केंद्र सरकार ने यह कहकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि हम इसे जीएसटी के तहत एक वस्तु के रूप में रखेंगे. अब जीएसटी परिषद को फैसला लेना चाहिए और एक ‘खुली चर्चा’ होनी चाहिए.” विपक्ष के आरोपों पर वित्त मंत्री ने कही ये बात कांग्रेस के बदले की भावना के आरोपों पर वित्त मंत्री ने कहा है कि ईडी, सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियां कुछ समय के लिए एक बड़ा होमवर्क करती हैं और जब उनके हाथ में आवश्यक प्राथमिक सामग्री होती है, तो कई प्रश्नावली भेजने और आंशिक रूप से पूर्ण होने या कोई
उत्तर नहीं मिलने के बाद, वे जाते हैं. यह रातोंरात नहीं किया जाता.
“यह अजीब है कि एक पार्टी के पिछले अध्यक्ष, पैसे के मामलों या भ्रष्टाचार पर वह सभी अदालतों के माध्यम से जमानत पर हैं और वे बदले की राजनीति की बात करते हैं
” वहां जाने वाली प्रत्येक एजेंसी ठोस सामग्री लाती रही है… जिनमें से कुछ को मीडिया ने चित्रित किया है. लोगों पर बदले की भावना का आरोप लगाने के बजाय, उन्हें लोगों और अपने स्वयं को समझाना चाहिए कि उनके लोग अदालत से जमानत पर बाहर क्यों हैं. उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए. यह शर्म की बात है कि एक के बाद एक कांग्रेस सरकारें सत्ता में आई और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चली गईं.”

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