आज़मगढ़: आम नागरिकों के गाड़ियों का चालान करने वाले अधिकारी स्वयं की चलने वाली गाड़ियों का कब होगा चालान
पूरे प्रदेश में इस समय यातायात माह चल रहा है। इस दौरान सड़क पर सुरक्षा को लेकर वाहनों के लिए तमाम गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है, दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं, चेतावनी दी जा रही है और इसके अलावा कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। लेकिन यह सब केवल आम लोगों के लिए है। अगर दिनभर की कार्रवाई की बात करें तो पुलिस विभाग की तरफ से प्रतिदिन 500 से ऊपर की संख्या में वाहनों के चालान किए जा रहे हैं और वाहनों को सीज भी किया जा रहा है। लेकिन यह कार्रवाई आम लोगों तक ही सीमित है। वहीं दूसरी तरफ जिन पर शासन प्रशासन के दिशा निर्देशों के पालन कराने की जिम्मेदारी है वह खुद नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। आजमगढ़ में अधिकारियों के वाहनों की रियलिटी चेक किया गया तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। कलेक्ट्रेट जहां से पूरे जिले की कमान संभाली जाती है वहां पर ही अधिकारियों के वाहनों के पार्किंग स्थल पर जब वाहनों की जांच की गई तो कई खामियां सामने नजर आईं। एसडीएम सदर से लेकर तमाम एसडीएम व अन्य अधिकारियों के वाहन यहां पर खड़े किए गए थे सभी के नंबरों की ऑनलाइन जब मोबाइल से जांच की गई तो सभी के वाहनों के बीमा कई माह पूर्व ही समाप्त हो चुके थे। वही चालक भी बिना सीट बेल्ट के चल रहे थे। इसके अलावा नीली बत्ती भी लगी गाड़ियां दिखी जबकि गाइडलाइन के अनुसार पुलिस को, एंबुलेंस और कुछ विशेष वरिष्ठ अधिकारियों को ही इसको लगाने का अधिकार है। सड़क पर धड़ल्ले से काले शीशे वाली पुलिस लिखी गाड़ियों को भी देखा जा सकता है। लेकिन आम लोगों के लिए थोड़ी सी कमी पर भी कार्रवाई का चाबुक चलता है। इसी संबंध में जब एसडीएम सदर के वाहन की पड़ताल की गई तो जो चालक था उसने बताया कि वह अधिकृत चालक नहीं है। उसने चालक की सीट पर बैठने के बावजूद भी बेल्ट नहीं लगाया था। इसके अलावा एसडीएम सदर की गाड़ी का बीमा भी 48 दिन पूर्व समाप्त हो चुका था। इस संबंध में एसडीएम सदर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में नहीं था जो भी रुल से उनको फॉलो कराया जाएगा कहीं से कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।