घरों में खाना पकाने के लिए सिलेंडर का इस्तेमाल होता है. वहीं आजकल गैस पाइपलाइन का भी उपयोग होने लगा है. हालांकि इस गैस की कीमतों में बदलाव होने से लोगों की जेब पर काफी असर भी पड़ता है. वहीं सरकार अब सीएनजी और पीएनजी की कीमतें तय करने के लिए नया फॉर्मूला लेकर आई है. इससे अब हर महीने इनकी कीमतों में बदलाव होगा. ऐसे में अगर आप इस फॉर्मूले के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं…
गैस की कीमतें
भारत में अब पीएनजी और सीएनजी की कीमतें अमेरिका और रूस में इस्तेमाल किए जा रहे फॉर्मूले की तरह तय की जाएंगी. किरीट पारिख कमेटी ने इस फॉर्मूले की सिफारिश की थी, जिसे कैबिनेट ने मान लिया है. इन सिफारिश में कहा गया था कि एडमिनिस्टर्ड प्राइसिंग मैकेनिज्म (APM) के तहत गैस कीमतों को इंडिया क्रूड बास्केट से जोड़ दिया गया है. इसके कारण हर महीने गैस की कीमतों में बदलाव होगा और क्रूड की कीमतों के हिसाब से इनमें बदलाव आएगा.
सीएनजी
कमेटी की ओर से सिफारिश की गई थी कि ये अगले 2 साल तक ये लागू रहेगा और इसके बाद 50 फीसदी तक इसे बढ़ाया जाएगा और अब कीमतों में बहुत तेजी से इजाफा नहीं होगा. वहीं इससे ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी और सीएनजी-पीएनजी के दामों में बड़ा बदलाव नहीं होगा.
पीएनजी
वहीं हाल ही में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बदलाव देखने को मिला है और इसकी कीमतों में कमी आई है. इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिला है. ऐसे में इस फार्मूले से लोगों को अपने बजट के हिसाब से गैस खरीदने का मौका मिलेगा और जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
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