आजमगढ़। कप्तानगंज थाना परिसर से गिरफ्तार दरोगा मोहन प्रसाद का विवादों से पुराना नाता रहा है। घूस लेने के मामले में उसके ऊपर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। मेहनाजपुर थाने में तैनाती के दौरान लकड़ी लदी ट्रैक्टर ट्राली छोड़ने के लिए 25 हजार रुपये घूस लेने के मामले में एक साल पहले भी उसे निलंबित कर उसके खिलाफ विभागिय कार्रवाई हुई थी। मेहनाजपुर कस्बा निवासी एक फर्नीचर कारोबरी से मार्च 2022 को ट्रैक्टर ट्राली से हरी लकड़ी लेकर जा रहा था। उप निरीक्षक मोहन प्रसाद ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद लकड़ी लदा ट्रैक्टर लेकर थाने चला गया। इसके बाद फोन पर फर्नीचर कारोबारी से लकड़ी व ट्रैक्टर छोड़ने के लिए उपनिरीक्षक से बात हुई। जिसके बाद रिश्वत लेने के बाद उप निरीक्षक ने लकड़ी सहित ट्रैक्टर छोड़ दिया। फर्नीचर कारोबारी ने पूरी बात फोन में रिकार्ड कर ली थी। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने आरोपी दरोगा मोहन प्रसाद को निलंबित कर दिया था। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई। इसके बाद भी उसकी हरकतों में सुधार नहीं हुआ। इस घटना के ठीक एक साल बाद दरोगा का दूसरा रिश्वत लेने का दूसरा मामला प्रकाश में आया। जिस पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कार्रवाई हुई। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के अमिलाई गांव निवासी संतोष की तहरीर पर पुलिस ने सोमवार को आरोपी दरोगा मोहन प्रसाद के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
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