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पत्नी ने ही कराई इंस्पेक्टर पति की हत्या

पत्नी और करीबी को लेकर जो आशंकाएं जताई थीं। वो सही साबित हुईं। वारदात को बेहद शातिराना अंदाज में अंजाम दिया गया।
लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या की साजिश पत्नी भावना ने ही अपने भाई देवेंद्र वर्मा के साथ मिलकर रची थी। भावना गाड़ी में बैठी देखती रही और देवेंद्र ने अपने जीजा को गोलियों से भून दिया था। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए इंस्पेक्टर की पत्नी भावना और साले देवेंद्र वर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपी भाई-बहन का कहना है कि सतीश रंगीन मिजाज थे। उनके कई महिलाओं से अवैध संबंध थे। वह समझाने पर भी नहीं माने तो ठिकाने लगाना पड़ा।
डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल ने बताया कि चतुर्थ वाहिनी पीएसी प्रयागराज में तैनात इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह के कई महिलाओं से अवैध संबंध थे। इसकी जानकारी उनकी पत्नी भावना को भी थी। इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था। पति की हरकतों के बारे में भावना ने अपने भाई देवेंद्र से जिक्र किया था। हजरतगंज के प्राग नारायण रोड निवासी देवेंद्र यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। भावना ने पूछताछ में बताया कि मायके वालों ने सतीश को समझाने का प्रयास किया था। इस पर सतीश ने अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली थी।
पूछताछ में पता चला कि पति की हरकतों से परेशान भावना ने देवेंद्र के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची। जिसके तहत 12 नवंबर की रात देवेंद्र ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर सतीश की हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने रविवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए देवेंद्र और भावना को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, तमंचा, मोबाइल, साइकिल, कपड़े, जूते और 1260 रुपये बरामद किए हैं।
इतना शातिराना अंदाज… कार में लगाया था जीपीएस ट्रैकर
एडीसीपी साउथ शशांक सिंह ने बताया कि आरोपी देवेंद्र ने ऑनलाइन जीपीएस ट्रैकर खरीदकर वारदात से एक-दो दिन पहले सतीश की कार में लगा दिया था। एक पुराना मोबाइल फोन खरीदकर ट्रैकर को उससे कनेक्ट कर लिया था ताकि सतीश की लाइव लोकेशन पता चलती रहे। वारदात के दिन देवेंद्र बहन भावना के घर गया और उससे बताया कि आज रात ही हत्या करनी है। भावना में उसे भरोसा दिलाया था कि वह पूरी कोशिश करेगी कि प्लान कामयाब हो जाए।
साइकिल खरीदी, सफेद जूते को काले रंग में रंगा, मास्क लगाए
आरोपी देवेंद्र ने एक पुरानी साइकिल खरीदकर चारबाग स्टैंड पर खड़ी कर दी थी। 12 नवंबर की रात आठ देवेंद्र घर से निकला और चारबाग स्टैंड पहुंचा। वहां से साइकिल निकाली। फिर कपड़े बदले और कैप व मास्क लगा लिया। पहचान छिपाने के लिए अपने सफेद जूते उसने काले रंग लिए थे। वह साइकिल से नाका, मिल एरिया, तालकटोरा, आरडीएसओ होते हुए बहनोई सतीश के घर मानसनगर पहुंचा।
पहले तमंचे से गोली मारी, फिर पिस्टल से बरसा दीं चार गोलियां
गली में साइकिल खड़ी करके वह एक गाड़ी की आड़ में घात लगाकर बैठकर जीपीएस की मदद से सतीश की कार ट्रैक करने लगा। रात 02:10 बजे सतीश, पत्नी भावना व बेटी के साथ घर पहुंचे। कार से उतरकर जैसे ही वो गेट खोलने लगे देवेंद्र ने तमंचे से एक और पिस्टल से चार गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी।
कपड़े, जूते और असलहे नहर में फेंके, चौक में छोड़ दी साइकिल
वारदात के बाद वह साइकिल से कनौसी नहर पहुंचा। वहां कपड़े, जूते और असलहे एक थैले में ईंट रखकर नहर में फेंक दिए। फिर साइकिल से चौक पहुंचा। वहां साइकिल छोड़कर ई रिक्शे से बालू अड्डे तक गया और वहां से अपने घर चला गया।

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