यूपी के मथुरा में ग्राम प्रधान ने बिना काम कराए ही 40 लाख का गबन कर लिया। जांच में दोषी मिली तो डीएम ने अधिकार सीज कर दिए। वहीं सचिव को निलंबित कर दिया है।
तीर्थनगरी मथुरा के मांट थाना क्षेत्र में 40 लाख रुपये के गबन के आरोप में फंसी खावल ग्राम प्रधान और तत्कालीन पंचायत सचिव जांच में दोषी साबित हुए हैं। जिला ग्राम उद्योग अधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने ग्राम प्रधान के अधिकार सीज कर दिए है। पंचायत सचिव के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
मामला वर्ष 2021-22 का है। ग्राम पंचायत में विकास कार्य कराए बिना 40 लाख रुपये की धनराशि का गबन कर लिया गया था। जानकारी होने पर स्थानीय लोगों ने शपथ पत्र देकर ग्राम प्रधान पतरी देवी और पंचायत सचिव योगेश शर्मा के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत की। डीएम ने मामले की जांच जिला ग्राम उद्योग अधिकारी को सौंपी। जांच शुरू हुई तो घोटाले की परतें खुलती चली गई।
जांच पूरी होने पर ये साफ हो गया कि पंचायत सचिव से मिली भगत कर ग्राम प्रधान ने 40 लाख रुपये की धनराशि का बंदर बांट कर दिया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पत्र जारी कर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया। दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद रिमाइंडर भेजा गया। फिर दोनों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए हैं। पंचायत सचिव को भी निलंबित कर दिया है। आरोपी पंचायत सचिव योगेश शर्मा वर्तमान में छाता विकासखंड में तैनात है। जिला पंचायत राज अधिकारी किरन चौधरी ने बताया गबन की गई धनराशि की नियम अनुसार वसूली की जाएगी।
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