मंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर कई बार बैठक होने के बावजादू नगर निकाय कर्मचारियों की 13 सूत्री मांगों का निस्ताण नहीं हो पाया है। बैठकों में सहमति के बाद भी इससे संबंधित शासनादेश जारी न होने से नाराज निकाय कर्मचारियों ने अब आंदोलन का एलान कर दिया है।
मंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर कई बार बैठक होने के बावजादू नगर निकाय कर्मचारियों की 13 सूत्री मांगों का निस्ताण नहीं हो पाया है। बैठकों में सहमति के बाद भी इससे संबंधित शासनादेश जारी न होने से नाराज निकाय कर्मचारियों ने अब आंदोलन का एलान कर दिया है। इसी कड़ी में उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने 16 दिसंबर को प्रदेश में काम न करने की घोषणा की है। इस एक दिवसीय विरोध के दौरान सफाई व्यवस्था और कूड़ा निस्तारण समेत सभी सेवाएं बंद रखी जाएंगी।
इस संबंध में महासंघ के पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बैठक करके आंदोलन की तैयारियों की समीक्षा की है। इस मौके पर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने कहा कि शासन स्तर पर होने वाली बैठकों में सहमति तो बनती है, लेकिन उस पर अमल कभी नहीं होता है । उच्चाधिकारी कर्मचारियों की लंबित मांगों का निस्तारण करने में ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी 10 नवंबर को भी प्रमुख सचिव नगर विकास की मौजूदगी में बैठक हुई थी, लेकिन उस बैठक में भी जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, उसका आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है। इसलिए निकाय कर्मचारियों के सामने अब आंदोलन ही एक रास्ता बचा है।
बैठक में यह भी तय किया गया है कि 16 दिसंबर की हड़ताल के बाद भी शासन और स्थानीय निकाय निदेशालय के स्तर से आदेश जारी नहीं हुए तो इस आंदोलन को आगे भी जारी रखा जाएगा । इसमें कार्य बहिष्कार से लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी घोषणा की जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल 16 दिसंबर को सभी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में एक दिन कार्य न करने का फैसला किया गया है ।
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