शाहगंज जौनपुर। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर गरीब को पक्का घर देने का वादा छिडवा भादी देहाती गांव में सफेद हाथी साबित हो रहा है। यहां पिछले 50वर्षों से अत्यंत गरीब परिवार के लोग अपने घर के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक पक्का घर नहीं मिल पाया है।
हालात यह है कि गरीबी की जिंदगी गुजर बसर करनेवाले इन परिवारों ने सबों से गुहार लगाई, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। कच्चे टूटे-फूटे मकान में प्लास्टिक की तिरपाल बिछाकर ये गरीब परिवार अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं। इतना ही नहीं बारिश ने तो इन परिवारों पर कहर बरपाया था । यह हाल है ग्राम छिडवा भादी, विकास खंड सोंधी ग्राम पंचायत का।
ग्राम पंचायत नटौली के पूर्व प्रधान एवं महाप्रधान सुरेंद्र कुमार यादव के पैतृक निवास के चंद कदम दूरी पर छिडवा भादी निवासी स्वर्गीय मुन्नीलाल जिनकी विगत कुछ समय पूर्व मृत्यु हो गई। जो अपनी पूरी उम्र कुम्हार का कार्य करके घर की रोजी रोटी चलाते थे ।जिनकी मृत्यु का कारण गरीबी बताया जाता है। जिनका दवा के अभाव में मृत्यु हो गया । स्वर्गी मुन्नीलाल के पुत्र दिलीप कुमार प्रजापति आज भी बरसात में छाता के भरोसे समय गुजारते हैं। और तिरपाल के नीचे रात अपने पत्नी और बच्ची संग गुजारते है।
घर की महिला चम्पा प्रजापति का कहना है कि घर नहीं रहने के कारण शादी विवाह में भी दिक्कतें आती हैं गरीबी की मार झेल रहे इन परिवारों का मजदूरी से ही गुजर बसर होता है। महंगाई की मार के चलते इन परिवारों को महज दो वक्त की रोटी मिल पाती है। यही वजह है कि ये परिवार उम्र के इस पड़ाव पर भी अपना पक्का घर नहीं बना पा रहे हैं। और चिलचिलाती धूप एवं बदलते ठंड और बरसात के मौसम में दिलीप कुमार और उनकी पत्नी चम्पा अपने पुश्तैनी पैतृक निवास पर तिरपाल लगाकर छांव करने का प्रयास कर रहे हैं। ग्राम छिडवा भादी, सोंधी ब्लॉक एवं क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदार निष्क्रिय हैं। छिडवा भादी के प्रधान अपने क्षेत्र के समस्याओं से अनभिज्ञ रहते हैं।पूरा इलाका आज भी अंधेरे में डूबा रहता है।
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