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आज़मगढ़: किसानों व प्रशासन के बीच हुई वार्ता, कहा गरीबो को उजाड़ने का यह कैसा सपना

खिरिया बाग (आज़मगढ़) 06 दिसंबर। खिरिया बाग में धरनारत किसानों-मजदूरों की प्रशासन से वार्ता बेनतीजा रही. वादे के अनुसार प्रशासन कोई प्रस्ताव नहीं दिया. धरने के 55 वें दिन डॉ अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
जमीन-मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के संयोजक रामनयन यादव ने बताया कि हसनपुर पंचायत भवन में एसडीएम सगड़ी और एसडीएम न्यायिक से किसानों-मजदूरों की वार्ता हुई. एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि ड्रीम प्रोजेक्ट, विकास के लिए त्याग कीजिए. जिस पर हमने कहा कि गरीबों को उजड़ने का कैसा सपना. प्रशासन के पास इसका कोई उत्तर नहीं था कि सरकार क्षेत्र की जनता का क्या विकास करेगी. जब आज तक एयरपोर्ट से कोई उड़ान नहीं हुई तो क्यों किसानों की जमीन सरकार ने हड़पी. किसानों-मजदूरों ने कहा कि आप सरकार को संदेश दे दीजिए कि जनता जमीन-मकान देने को तैयार नहीं हैं. हमारे घर उजाड़कर सरकार कौन सा विकास करेगी. एसडीएम ने कहा कि जल्द आपकी जिलाधिकारी से वार्ता कराई जाएगी.
वक्ताओं ने कहा कि विधानसभा सत्र के दूसरे दिन अभी तक कोई सूचना नहीं है कि खिरिया बाग में आंदोलनरत किसानों-मजदूरों की आवाज सदन में उठाई गई. स्थानीय गोपालपुर के विधायक और निज़ामाबाद के विधायक धरने स्थल पर आकर समर्थन देते हुए सदन में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन-मकान छीनने के विरुद्ध चल रहे धरने के सवाल को उठाने का आश्वासन दिया था. पूरे देश-प्रदेश के किसान नेताओं ने खिरिया बाग आंदोलन का समर्थन किया है ऐसे में विधायकों-सांसदों से अपील है कि दलीय सीमा से ऊपर उठकर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के नाम पर जमीन छीनने के सावल को सदन में उठाकर इसको हल कराएं. विधायकों-सांसदों का नैतिक दायित्व है कि किसानों-मजदूरों की जमीन-मकान बचाने के लिए वो सदन में आवाज बुलंद करें.
ग्रामीणों ने कहा कि अगर जन प्रतिनिधि इन सवालों को नहीं उठाते हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है और वोट मांगने का कोई हक नहीं है. ये सवाल किसी पार्टी का सवाल नहीं किसानों-मजदूरों का सवाल है और किसानी-जवानी पर जिस सदन में बात न हो तो उस सदन को ठप किया जाए. विधायकों-सांसदों ने अगर सदन में सवाल नहीं उठाया तो उन्हें गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. धरने को शिवकुमार यादव, राजीव यादव, राजेन्द्र यादव, दुखहरन राम, वीरेंद्र यादव, राधेश्याम, उषा यादव, विनय उपाध्याय, दयाशंकर भास्कर, महेंद्र राय, अंसदीप यादव, नीलम, फूलमती ने संबोधित किया.

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