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रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला हुआ गिरफ्तार

वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल अग्रवाल ने कहा कि सिजोफ्रेनिया नाम का मानसिक रोग होता है, जिसमें अक्सर आदमी को लगता है कि कोई खास असरदार व्यक्ति या सरकार उसके पीछे पड़ी है। या फिर पुलिस उसे पकड़ने वाली है। ऐसी बीमारी से ग्रसित मरीज इस तरह की हरकतें करते हैं। उन्हें अक्सर यही लगता है कि कुछ गलत ही होने वाला है और पुलिस बुलानी चाहिए
गोरखपुर कैंट स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी देने में गुरुवार रात पकड़ा गया आरोपी पहले भी कई बार ऐसा कर चुका है। पुलिस की जांच में पता चला है कि वह गांजा पीता है और नशे में कंट्रोल रूम को कॉल करके चिल्लाता है- बम से उड़ा देंगे रेलवे स्टेशन..। इसके पहले भी वह हत्या और बम विस्फोट की फर्जी सूचना देने के आरोप में पकड़ा जा चुका है। शुक्रवार को जीआरपी ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया, जहां से वह जेल भेज दिया गया।
आरोपी सत्येंद्र राय गोपालगंज, बिहार का निवासी है। एसपी रेलवे डाॅ. अवधेश सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात डायल 112 पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले बताया कि छावनी स्टेशन के पास कुछ लोग बम विस्फोट करने की योजना बना रहे हैं। 31 दिसंबर को उसने कई लोगों को आपस में बात करते हुए सुना था। नाम, पता पूछने पर सूचना देने वाले ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया।
रात 9:40 बजे कंट्रोल रूम से मामले की जानकारी जीआरपी कंट्रोल रूम में दी गई, जिसके बाद सक्रिय हुई टीम ने सत्येंद्र राय काे स्टेशन परिसर से पकड़ लिया। जीआरपी, आरपीएफ के साथ ही जिले की पुलिस व खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने उससे पूछताछ की। जांच में पता चला कि चार भाइयों में तीसरे नंबर के सत्येंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसक एक बड़ा भाई माेहम्मदपुर थाने का चौकीदार है।
धागा फैक्ट्री में काम करने वाले पिता सेवानिवृत्त होने के बाद घर पर रहकर खेती व दो अन्य भाई बाहर रहकर नौकरी करते हैं। सत्येंद्र गांजा पीने का आदी है और जब नशे में होता है तो इसी तरह की सूचनाएं देता है। जीआरपी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह की तहरीर पर पुलिस ने झूठी सूचना देकर लोक सेवक के कार्य को प्रभावित और मानव जीवन को संकट में डालने का केस दर्ज कर कार्रवाई की है।
पहले भी आ चुकी हैं इस तरह की सूचनाएं
01 अप्रैल 2016 : कैंट थाना के सामने खड़ी बस में बम होने की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो काल करने वाले का पता नहीं लग सका।
28 मार्च 2016 : किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके सीरियल ब्लास्ट करने की धमकी दी। बताया कि दोपहर तीन बजे से लेकर छह बजे के बीच में एक-एक करके 25 जगहों पर बम फूटेंगे।
03 मार्च 2016 : दिल्ली से गोरखपुर आ रही जेट एयरवेज को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
04 फरवरी 2022 : गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी लेडी डाॅन नामक एक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके दी गई। इस ट्वीट में लखनऊ विधानसभा और मेरठ में भी बम धमाका करने की धमकी दी गई थी।
29 सितंबर 2020 : बांसगांव, बेदौली गांव के रहने वाले युवक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गोरखनाथ मंदिर में बस विस्फोट करने की धमकी दी। सर्विलांस की मदद से पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
26 मार्च 2016 : इंटरनेट काॅल के जरिए कुशीनगर के सर्राफ को फोन कर गोरखनाथ मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की लेकिन धमकी देने वाला नहीं मिला।
एक्सपर्ट बोले…मानसिक रोग है यह
वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल अग्रवाल ने कहा कि सिजोफ्रेनिया नाम का मानसिक रोग होता है, जिसमें अक्सर आदमी को लगता है कि कोई खास असरदार व्यक्ति या सरकार उसके पीछे पड़ी है। या फिर पुलिस उसे पकड़ने वाली है। ऐसी बीमारी से ग्रसित मरीज इस तरह की हरकतें करते हैं। उन्हें अक्सर यही लगता है कि कुछ गलत ही होने वाला है और पुलिस बुलानी चाहिए। हो सकता है कि इसमें यह बीमारी हो, जिस वजह से बार-बार इस तरह की घटनाएं कर रहा है।

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