लोकसभा चुनाव के पहले मायावती ने परोक्ष रूप से कांग्रेस और सपा पर हमला बोला है। उन्होंने एक बार फिर से गठबंधन से इंकार किया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर दोहराया है कि वह अब किसी भी दल से चुनावी गठबंधन या समझौता नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि बसपा ने जितनी बार दूसरे दलों से गठबंधन किया उतनी बार धोखा ही खाया है। ऐसे में बसपा को बार-बार हार का सामना करना पड़ा है। इसलिए अब किसी भी दल से गठबंधन करना होशियारी भरा कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन के कड़वे अनुभवों के चलते जहां कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है, वहीं, पार्टी का मिशन भी कमजोर होता है।
बसपा सुप्रीमो शनिवार को यहां यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट लेने के बाद उन्होंने कहा कि बसपा सर्वसमाज में पार्टी की पकड़ बढ़ाने के साथ ही संगठन को मजबूत करके पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में उतरेगी। उन्होंने पदाधिकारियों को हर दिन सेक्टर व बूथ स्तर पर छोटी-छोटी कॉडर की मीटिंग करने के निर्देश दिए है। यह मीटिंग प्रत्येक विधानसभा में भी होगा और बैठक में प्रत्येक जातियों को जोड़ने का काम बसपा के पदाधिकारियों और जनल कोआर्डिनेशन को करना होगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, इसलिए कार्यकर्ताओं पर ही बेहतर परिणाम लाने की जिम्मेदारी है। मायावती ने कहा कि देश भर में कमरतोड़ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी से करीब 81 करोड़ जनता बेहाल है। मौजूदा सरकार ने इन्हें सरकारी अनाज के भरोसे छोड़ दिया है। इनके स्थाई रोजी-रोटी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। देश के करोड़ों किसानों, मजदूरों, गरीबों और मेहनतकश लोगों का हित प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इन मुद्दों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाने का भी निर्देश दिया है।
धर्म का राजनीतिकरण ठीक नहीं
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिस तरह से पहले राजनीति का अपराधीकरण हुआ और इसके बाद अपराध का राजनीतिकरण किया गया। अब उसी तरह धर्म का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है। किसी भी दल का नाम लिए बगैर मायावती ने कहा कि वर्तमान में चुनाव फायदा लेने के लिए जिस तरह से धर्म का राजनीतिकरण किया जा रहा है वह ठीक नहीं है।
Back to top button