यूपी सरकार की पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया गया है। वह एक मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुई थीं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के मामले में आरोपी बनाए गए बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह राव और नौशाद अली के मामले में गवाही देने के लिए हाजिर न होने पर पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के खिलाफ वारंट जारी हुआ है। एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन फरवरी की तारीख तय की है।
बताते चलें कि इस घटना की रिपोर्ट पूर्व मंत्री स्वाति सिंह की सास और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 21 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि 20 जुलाई 2016 की दोपहर राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनकी बेटी, बहू व नातिन के साथ-साथ देश की समस्त महिलाओं को गालियां दीं और अपशब्द कहे।
इसके बाद 21 जुलाई 2016 को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के बुलाने पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, मेवालाल आदि अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष पहुंचे और वहां उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को गालियां दीं तथा अभद्र टिप्पणी करते हुए बैनर लेकर प्रदर्शन किया था। इस मामले में स्वाति सिंह की गवाही चल रही है।
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