लखनउ। विधान मंडल के दोनों सदनों ने इंटरमीडिएट शिक्षा (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2022 पारित हो गया। इसमें यूपी के निजी माध्यमिक विद्यालयों का राहत मिलेगी। अब केवल एडेड स्कूलों को ही प्रशासन योजना बनानी होगी। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने बताया कि संस्थाओं का कुशल संचालन और प्रबंधन सुनिश्चित किए जाने के लिए हर शैक्षिक संस्था की प्रशासन योजना होगी, जिसमें आचार्य या प्रधानाचार्य के अधिकार, कर्तव्य और प्रबन्ध समिति के अधिकार, कर्तव्य है।
लेकिन संस्था के सदस्यों द्वारा एक साथ दो प्रबन्ध समितियों का गठन करके विवाद उत्पन्न किए जाते है, जिसके कारण संस्था के कुशल संचालन में व्यवधान उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई व बेसिक शिक्षा के तहत निजी मान्यता प्राप्त संस्थाओं में कोई प्रशासन योजना नहीं है। इसकी जगह पर स्कूलों का संचालन व प्रबन्धन रजिस्टार सोसाइटी एवं चिट्स फण्ड द्वारा किया जाता है। इसलिए स्कूलोें का संचालन मूल संस्थाओं द्वारा किए जाने के लिए इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा 16-क में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया।
राज्यपाल द्वारा 4 अक्टूबर 2022 को इंटरमीडिएट शिक्षा (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2022 प्रख्यापित किया गया। इससे पहले सभी स्कूलों के लिए प्रशासन योजना बनानी होती थी जिसके तहत सभी बोर्ड से मान्यता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक स्कूलों के लिए प्रशासन योजना लागू करना अनिवार्य था। प्रदेश में एडेड माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 4512 है और सभी की प्रशासन योजना बनी है।
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