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भाजपा नेता ने आयुक्त से की बदसलूकी तो गार्डो ने घसीट कर कक्ष से किया बाहर

कानपुर। कानपुर नगर निगम में मंगलवार को हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। भाजपा नेता ने नगर आयुक्त के कक्ष में घुसकर उनसे बदसुलूकी कर दी। इस पर गार्डों ने धक्का देकर निकाल दिया। कक्ष के बाहर भी हंगामा किया तो घसीटते हुए नगर निगम से बाहर कर पुलिस को सौंप दिया। हर मंगलवार की सुबह 10 से 2 बजे के बीच संभव पोर्टल खुलता है। इस बार भी नगर निगम के मीटिंग हॉल में फरियादियों की शिकायतें सुनकर दर्ज की जा रही थीं। सारे अधिकारी हॉल में ही बैठे थे। इसी बीच नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन कुछ देर के लिए अपने कक्ष में किसी काम से गए तो फरियादी व भाजपा के पूर्व पदाधिकारी कपिल गुप्ता भी कक्ष में घुस गए। एक कब्जे की शिकायत का निस्तारण कक्ष में ही फौरन करने को कहा। नगर आयुक्त ने कहा कि मीटिंग हॉल में ही चलिए। वहीं आकर निपटारा करता हूं। पोर्टल पर दर्ज भी वहीं होगा। इसकी जानकारी शासन को भी भेजनी होती है। इस पर कपिल गुप्ता ने हंगामा शुरू कर दिया और नगर आयुक्त से अभद्र भाषा का प्रयोग किया। बाहर बैठे गार्ड शोर सुनकर भीतर गए और धक्का देते हुए कपिल को कक्ष के बाहर कर दिया।कपिल गुप्ता कक्ष के बाहर ही बैठ गए और नारेबाजी के साथ हंगामा करना शुरू कर दिया। केयर टेकर की टीम और गार्डों ने वहां से चले जाने को कहा मगर नहीं माने। आखिरकार हाथ-पैर पकड़कर घसीटते हुए परिसर के बाहर कर दिया। सूचना पर सीओ समेत स्वरूप नगर थाने की पुलिस पहुंची और कपिल को अपने साथ ले गई। वहां 20 मिनट तक पूछताछ के बाद घर भेज दिया। आरक्षण जारी होते ही नेतागीरी चटकाने वाले बढ़े वार्डों का आरक्षण जारी होते ही नेतागीरी चटकाने वालों की संख्या बढ़ गई है। वे कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे हाईलाइट हों। नगर निगम मुख्यालय से लेकर जोनल कार्यालयों और वार्डों तक में ऐसे नेताओं की संख्या में इजाफा हो गया है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन का कहना है कि कपिल गुप्ता ने मुझसे अतिक्रमण को लेकर मुलाकात की थी। प्रकरण पर कार्रवाई के लिए कहा गया। संज्ञान में आया है कि कपिल गुप्ता से नगर निगम केयर टेकर कर्मचारियों एवं सुरक्षा कर्मियों द्वारा अभद्रता की गई है। इस मामले की जांच अपर नगर आयुक्त प्रथम को सौंपी गई है। सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। भाजपा नेता कपिल गुप्ता ने बताया, कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि एक जमीन पर भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं। नगर आयुक्त ने जांच कराई थी और रिपोर्ट लग गई थी। इसकी सर्टिफाई कॉपी चाहिए थी। नगर निगम इंस्पेक्टर ने इनकार कर दिया। मैंने नगर आयुक्त से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर शिकायत करिए। मुझे पोर्टल के बारे में नहीं पता था। पुनः रिपोर्ट मांगने पर वह उखड़ गए। गार्ड बुलवाकर बाहर करा दिया। गार्डों ने 150 मीटर तक घसीटा। बाद में पुलिस ले गई। लगभग आधे घंटे बाद छोड़ दिया।

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